वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के नमो घाट पर काशी-तमिल संगम 2.0 का उद्घाटन किया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अन्य नेता भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है, महादेव के एक घर से दूसरे घर आना। तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है मदुरै मीनाक्षी के यहां से काशी विशालाक्षी के यहां आना। इसलिए तमिलनाडु और काशीवासियों के बीच जो प्रेम है, जो संबंध है वो अलग भी है और अद्वितीय भी है। मुझे विश्वास है काशी के लोग आप सभी की सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ रहे होंगे। आप जब यहां से जाएंगे तो बाबा काशी विश्वनाथ के आशीर्वाद के साथ-साथ काशी का स्वाद, काशी की संस्कृति और काशी की स्मृतियां भी ले जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा पिछले वर्ष काशी तमिल संगमम शुरू होने के बाद से ही इस यात्रा में दिनों-दिन लाखों लोग जुड़ते जा रहे हैं। विभिन्न मठों के धर्मगुरू, छात्र, तमाम कलाकार। कितने ही क्षेत्र को लोगों को इस संगम से आपसी संवाद और संपर्क का एक प्रभावी मंच मिला है। मुझे खुशी है कि इस संगमम को सफल बनाने के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और मद्रास भी साथ आए हैं। प्रधानमंत्री इसके अलावा जिले के कटिंग मेमोरियल इंटर कॉलेज में विकसित भारत संकल्प यात्रा प्रदर्शनी में भाग लिया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में सरकारें तो बहुत आईं, योजनाएं भी बहुत बनीं, बड़ी-बड़ी बातें हुईं और उन सबका निचोड़ मुझे लगा कि सरकार जो योजना बनाती है, जिसके लिए बनाती है, जिस काम के लिए बनाती है वो सही समय पर बिना किसी परेशानी के उस तक पहुंचे।
दक्षिण का उत्तर भारत से अद्भुत संगम
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा काशी-तमिल संगमम का ये आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का परिणाम है। इससे दक्षिण भारत का उत्तर भारत से अद्भुत संगम हो रहा है। इस आयोजन की परिकल्पना से एक भारत-श्रेष्ठ भारत की चेतना को जागृत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने जिस बड़े अभियान को आगे बढ़ाया है, हम सब इसके प्रति आभारी हैं।
काशी-तमिलनाडु का गहरा संबंध
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा आज इस पवित्र नमो घाट पर काशीनगरी में काशी-तमिल संगमम का द्वितीय संस्करण शुरू हो रहा है। वाराणसी इतिहास से भी पुराना है। ये एक ऐसी सभ्यता है जो संपन्न और अद्वितीय है। केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने पिछले साल से काशी-तमिल संगमम की शुरूआत करके हमें जिम्मेदारी दी थी। काशी और तमिलनाडु का बहुत गहरा संबंध है। तमिलनाडु में ऐसा कोई मंदिर नहीं है जहां काशी की चर्चा ना हो… तमिल भाषा दुनिया की सबसे पुरानी भाषा में से एक है।