लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में भाजपा विधायक को एमपी एमएलए कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में 25 साल की सजा सुनाते हुए 10 लाख रुपए के अर्थ दंड की सजा सुनाई। जमाने की राशि में से आधी राशि पीड़ित परिवार को देने के कोर्ट ने आदेश दिए हैं।
सोनभद्र के दुद्धी सीट से भाजपा विधायक रामदुलार गोंड पर 2014 में प्रधानपति रहते हुए नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप लगा था और नवंबर 2014 में म्योरपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। लंबी सुनवाई के बाद आज शुक्रवार को सोनभद्र जिले की एमपी एमएलए कोर्ट ने भाजपा विधायक को 8 साल बाद सजा सुनाई है। इस मामले में कोर्ट ने भाजपा विधायक को 12 दिसंबर को मामले की सुनवाई के बाद दोषी बताया था। विधायक पक्ष से परिवार के मुखिया और घर की जिम्मेदारियों का हवाला देते हुए कम से कम सजा देने की मांग की। वहीं पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता ने जनप्रतिनिधि के गलत कार्य में संलिप्त होने के कारण समाज में गलत संदेश जाने की बात कही। ऐसे व्यक्ति को कडी सजा देने की मांग की।
लंबी पैरवी के बाद मिला न्याय
पीड़िता के परिजनों ने 8 साल बाद न्याय मिलने और विधायक को सजा होने पर खुशी जाहिर की है। परिजनों ने बताया कि उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा था कि कोर्ट उनके साथ न्याय करेगा और आज उन्हें कोर्ट की बदौलत ही न्याय मिलाया आज भी बेहद खुश है कि विधायक सलाखों के पीछे पहुंच गया है। कोर्ट केस फैसले से आम लोगों में भी एक अच्छा संदेश गया है। पीड़िता के भाई ने बताया कि 8 साल में 300 से ज्यादा बार मामले में सुनवाई हुई थी।
एमपी एमएलए कोर्ट पहुंचा था मामला
भाजपा विधायक रामदुलार गोंड पर 2014 में प्रधानपति रहते हुए नाबालिक से दुष्कर्म का आरोप लगा इसके बाद विधायक बनने पर मामला एमपी एमएलए कोर्ट में शिफ्ट कर दिया गया। कोर्ट द्वारा विधायक को सजा सुनाई जाने के बाद अब उनकी विधायक की भी जा सकती है। कोर्ट द्वारा दुष्कर्म के मामले में दोषी करार होने के बाद विधायक की जल्द ही विधायकी भी जा सकती है। जिले के लोग इस बात को देख रहे हैं की पार्टी कब तक विधायक पर एक्शन लेगी।