गाजियाबाद। शाहजेव की म©त क¢ मामले में पुलिस ने एफआर लगा दी है। पुलिस क¨ जांच में ऐसा क¨ई तथ्य नहीं मिला, ज¨ इस बात की पुश्टि कर सक¢ कि उसे कुत्ते ने काटा था या उसक¢ शरीर में रैवीज क¢ लक्षण थे। हालांकि यह मामला सुप्रीमक¨र्ट तक पहुंचा था।
विजयनगर थाना क्षेत्र स्थित चैधरी चरण सिंह कॉलोनी में याकूब का परिवार रहता है। याकूब मजदूरी करता है। उनका 14 साल का बेटा शाहवेज कक्षा आठ का छात्र था। 4 सितंबर को उसकी मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि मौत से डेढ़ महीना पहले पड़ोस में रहने वाले कुत्ते ने शाहवेज को काट लिया था। तब शाहवेज ने ये बात परिजनों से छिपा ली थी। जब इन्फैक्शन फैल गया तो डॉक्टरों ने उसको लाइलाज घोषित कर दिया। इस मामले में मृतक के दादा मतलूब अहमद ने पड़ोसी सुनीता, आकाश, शिवानी, राशि के खिलाफ आईपीसी की धारा 304ए और 289 में थाना विजयनगर में मुकदमा लिखाया था। हालांकि शव क¢ प¨स्टमार्टम से परिजन¨ं ने इंकार कर दिया था। मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। 11 सितंबर को सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने ये मामला उठाया था। जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने इस बात पर सहमति जताई थी कि पूरे देश में कुत्तों और दूसरे आवारा पशुओं के हमले बढ़ते जा रहे हैं। इसी बात को आगे बढ़ाते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया था कि कुछ महीनों पहले उनके दफ्तर के एक लॉ क्लर्क पर कुत्तों ने हमला कर दिया था।
ये बना पुलिस की एफआर का आधार
पुलिस समेत जानकार¨ं क¢ मुताबिक जो कुत्ता काटता है, रैबीज से उसकी भी दो-चार दिन बाद मौत हो जाती है। पड़ोसी सुनीता के किसी भी कुत्ते की इस दौरान मौत नहीं हुई। उनके पास तीन कुत्ते हैं, जो फिलहाल तक पूरी तरह स्वस्थ हैं और उन्होंने उनका नियमित टीकाकरण भी कराया हुआ है। इसके अलावा आसपास के क्षेत्र में किसी अन्य कुत्ते का शव भी बरामद नहीं हुआ। इस आधार पर विजयनगर थाना पुलिस ने बीते दिनों इस मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगाकर न्यायालय को भेज दी है।
पीएएफ ने भी जताया दुख
पीएएफ की अध्यक्ष सुरभी रावत ने कहा, हम शुरू से ये बात कह रहे थे कि बच्चे की मौत रैबीज से नहीं हुई है। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बयान भी महत्वपूर्ण थे, जिन्होंने शुरुआत में ही ये केस रैबीज का नहीं होने की पुष्टि कर दी थी। बच्चे की मौत दुखद है, लेकिन उसकी मृत्यु के कुछ और कारण हो सकते हैं।