तीन दिन से भूखा मासूम चौकी पहुंचा तो पसीजा पुलिस का दिल, किया बंदोवस्त

मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश की मिर्जापुर जिले में भूख से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां 3 दिन से भूखा एक बच्चा जब भूख बर्दाश्त नहीं कर पाया तो वह इमलिया चट्टी पुलिस चौकी पहुंच गया। जिसे देखकर वहां तैनात दरोगा और पुलिसकर्मियों की आंखें भर आई। दरोगा व पुलिसकर्मियों ने बच्चों की पूरी बात सुनकर उसे और उसकी मां को खाना खिलाया। इसके बाद दरोगा ने बच्चे और उसकी मां की मदद कर उसके घर पहुंचाया।

6 साल के बच्चे सुदामा ने बताया कि वह पटीहटा गांव का रहने वाला है, उसका गांव में मकान भी है, लेकिन उसकी मां मानसिक रूप से बीमार होने की वजह से वह 3 साल से एक कली मंदिर में रहने लगे हैं। मंदिर में आने वाले लोग प्रसाद व अन्य चीज खाने को दे जाते थे जिससे उनका काम चल जाता था, लेकिन पिछले तीन दिन से और वह भूख को बर्दाश्त नहीं कर पाया। पास में बनी पुलिस चौकी में पहुंचा और दरोगा को पूरी बात बताई। सुदामा ने दरोगा को बताया कि उसने और उसकी मां ने 3 दिन से खाना नहीं खाया है क्योंकि खाने का कोई इंतजाम नहीं हो पाया। दरोगा दिलीप गुप्ता ने बताया कि बच्चे की बात सुनकर हम सभी हैरान रह गए कि वह भूख से 3 दिन से बेचैन है। बच्चे और उसकी मां की मदद की जा रही है उसके खाने का इंतजाम भी कराया जा रहा है। जब दरोगा दिलीप गुप्ता ने पड़ताल की तो पता चला कि यह दोनों मां बेटे करीब 5 साल से मंदिर में रह रहे हैं। पुलिस द्वारा की गई बच्चे और उसकी मां की मदद को लेकर हर कोई प्रशंसा कर रहा है। पुलिस ने समाज से भी लोगों से भी बच्चे और उसकी मां की मदद करने की अपील की है।

मौत के सदमे में बीमार हुई मां
सुदामा की मां अपने पति की मौत के बाद से ही मानसिक रूप से बीमार हो गई और अपने बच्चों को लेकर घर से बाहर चली आई। इसके बाद उसकी मां कभी दोबारा उसके गांव नहीं गई और एक मंदिर में ही करीब 5 साल से रहने लगी। मंदिर में आने वाले लोग इन मां बेटों की मदद करते थे, लेकिन पिछले तीन दिन से इन्हें खाने को कुछ नहीं मिला तब यह मामला सामने आया। फिलहाल दोनों मां बेटे को पुलिस ने उनके घर पहुंचा दिया है।

पहले मां को खिलाया खाना
पुलिस ने सुदामा को खाने-पीने के लिए जो सामान दिलाया तो सुदामा अपनी मां के पास लेकर पहुंचा और सबसे पहले मां को खिलाया। मां बेटे के प्रेम को देखकर रह किसी का दिल भराया। सुदामा इधर उधर से पैसे इक्क्ठा कर अपनी मां का हल्का फुल्का इलाज भी कराता था।

Exit mobile version