गाजियाबाद। डीपफेक के जरिए फ्रॉड का बड़ा मामला सामने आया है। इसमें बुजुर्ग से एडीजी रह चुके अधिकारी बनकर ठगों ने धमकाते हुए 74 हजार रुपए अपने अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए। मामले की जानकारी पर पुलिस के भी होश उड़ गए। फिलहाल पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कविनगर थाना क्षेत्र के गोविंदपुरम निवासी 74 वर्षीय अरविंद शर्मा ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया है कि कुछ दिन पहले ही उन्होंने स्मार्टफोन खरीदा था। उन्होंने लाइफ में पहली बार स्मार्टफोन यूज करने की सोची थी। उन्होंने फोन में फेसबुक लॉगिन किया। वहीं 4 नवंबर को उनके मोबाइल पर वीडियो कॉल आई। वीडियो कॉल में दूसरी तरफ से एक न्यूड महिला दिख रही थी। ये देख उन्होंने कॉल कट कर दी। इसके करीब एक घंटे बाद उनके पास एक वॉट्सएप कॉल आई। वो व्यक्ति पुलिस की वर्दी में दिख रहा था। उसने खुद को द्वारका का पुलिस अफसर बताया और कहा कि मैं तुमको इस मामले में जेल में सड़वाउंगा। तुम्हारी वीडियो वायरल करूंगा। अगर ये नहीं चाहते हो तो मेरे खाते में पैसे ट्रांसफर करो। इस पर बुजुर्ग ने 74 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। ये सभी अलग अकाउंट्स नंबर थे। इसके बावजूद फ्रॉड करने वाले की डिमांड पूरी नहीं हुई। उसने फिर से रकम मांगनी शुरू कर दी। इससे पीड़ित अरविंद शर्मा ज्यादा परेशान हो गए। उन्होंने इस बारे में अपनी बेटी मोनिका शर्मा को बताया। मोनिका ने वीडियो कॉल पर दिखाए गए पुलिस अफसर के चेहरे को गूगल पर खोजा। जिससे उनकी पहचान प्रेमप्रकाश के रूप में हुई, जो पूर्व एडीजी थे और कुछ दिनों पहले ही रिटायर हुए हैं। मोनिका शर्मा ने 27 नवंबर को कविनगर थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया। उन्होंने खुद भी इस नंबर पर वीडियो कॉल करके पुलिस अफसर से बात की। उन्होंने पूछा कि किस चार्ज में आप इनको उठवा रहे हैं। क्यों प्रताड़ित कर रहे हैं? ये सब सुनकर दूसरी तरफ से कॉल काट दिया गया।
वीडियो की फोरेंसिक जांच होगी
एसीपी अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि प्रथम दृष्टया ये मामला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक से फ्रॉड का लग रहा है। आरोपी ने पुलिस अफसर की वर्दी में वीडियो कॉल किया। ये वीडियो देखने पर पता चलता है कि आवाज और होठों की हरकत एक साथ नहीं हो रही। वीडियो की फोरेंसिक जांच कराई जा रही है। वहीं संबंधित मोबाइल नंबर की भी डिटेल्स खंगाली जा रही है।
यूपी का पहला मामला मान रही पुलिस
प्रेम प्रकाश कुछ दिन पहले ही यूपी के ।क्ळ पद से रिटायर हुए हैं। पुलिस मान रही है कि पुलिस अफसर का चेहरा दिखाने के लिए आरोपियों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का इस्तेमाल किया होगा। संभवतः ये यूपी का इस तरह की धोखाधड़ी का पहला केस है। गाजियाबाद पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।