गाजियाबाद। शादी से चार दिन पहले दूल्हे को डेंगू हुआ और उसकी हालत बिगड़ गई। इधर, दोनों पक्षों के रिश्तेदार आमद करा चुके थे और वैंक्वट लॉन से लेकर हलवाई तक बुक थे। इन हालात में अस्पताल में ही दोनों की शादी कराई गई। मंडप सजा और फेरे भी अस्पताल में ही हुए। इसके गवाह केवल वर-बधू के परिजन ही नहीं बल्कि पूरा अस्पताल स्टाफ बना।
अनोखी शादी दिल्ली के वैशाली स्थित मैक्स हॉस्पिटल में हुई। दिल्ली में कोंडली के रहने वाले अविनाश की शादी फरीदाबाद निवासी अनुराधा से तय हुई। शादी की तारीख 27 नवंबर फिक्स हुई थी। शादी के लिए लड़की पक्ष ने पलवल (हरियाणा) का बैंक्वेट हॉल भी बुक करा दिया। वहीं शादी से ठीक चार दिन पहले अविनाश को बुखार आ गया। जांच में डेंगू की पुष्टि हुई। 25 नवंबर को उन्हें गाजियाबाद के वैशाली स्थित मैक्स हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। अविनाश की प्लेटलेट्स गिरते-गिरते 10 हजार तक पहुंच गईं। हालात बिगड़ती जा रही थी, ऐसे में डाक्टर्स ने उन्हें डिस्चार्ज करने से इंकार कर दिया। जबकि दोनों पक्षों की तरफ से शादी के कार्ड बांटे जा चुके थे। खास रिश्तेदार घर आ चुके थे। मंडप बुक हो चुका था। हलवाई की तैयारियां शुरू हो चुकी थीं। ऐसे में शादी टालना भी संभव नहीं हो पा रहा था। ऐसे में लड़का-लड़की के परिजनों ने अस्पताल में ही शादी करने का फैसला लिया। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को वहीं पर शादी करने का आवेदन दिया। आखिरकार अस्पताल ने इसकी मंजूरी दे दी।
ऐसे हुई शादी
अस्पताल के एक हॉल को मंडप जैसा बना दिया गया। 27 नवंबर को दोनों पक्षों के 10-10 लोगों की मौजूदगी में अविनाश और अनुराधा की शादी हुई। अविनाश ने अनुराधा की मांग में सिंदूर भरा। दोनों ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई। फिर उन्होंने माता-पिता के पांव छूए और आर्शीवाद लिया। इधर, बाकी के रिश्तेदार और परिचित वैंक्वट हॉल में शादी की खुशियां मनाते रहे। सुबह के वक्त अनुराधा वापस वैंक्वट लॉन लाई गई। वहां विदा की रस्म पूरी हुई और वो ससुराल चली गई।