उत्तराखंड। भारतीय वायुसेना का परिवहन विमान चिनूक उत्तरकाशी सुरंग से सफलतापूर्वक बचाए गए 41 श्रमिकों को लेकर ऋषिकेश एम्स पहुंचा। एंबुलेंस भी मौके पर पहुंचीं। श्रमिकों को आगे की चिकित्सा जांच के लिए ऋषिकेश एम्स लाया गया है।
सुरंग से सुरक्षित निकाले गए 41 श्रमिकों को चिकित्सीय जांच के लिए एम्स ऋषिकेश लाने पर देहरादून डीएम सोनिका ने बताया एम्स का अपना प्रोटोकॉल और एसओपी है। उसी के अनुसार यहां तैयारियां की गई हैं। वहीं उत्तरकाशी सुरंग से 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाले जाने के बाद लोगों द्वारा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का स्वागत किया गया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुरंग से सुरक्षित निकाले गए 41 श्रमिकों से चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली, उन्हें राहत चेक भी सौंपे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा मैं सबसे मजदूरों से मिला, सबका हाल-चाल लिया। सभी लोग स्वस्थ हैं और प्रसन्न हैं। सभी श्रमिक, उत्तराखंड सरकार और प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद कर रहे हैं। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें नरेंद्र मोदी जैसा नेतृत्व मिला है। पूरे देश ने देखा कि जब हमारे श्रमिक भाई सुरंग के अंदर थे तो इस बचाव अभियान में विश्व के सबसे अच्छे प्रयास किए गए हैं। चिकित्सकों के परामर्श के अनुसार एक बार उनकी ऋषिकेश एम्स में भी जांच होगी।
डॉक्टरों की टीमें जांच में लगी
अस्पताल प्रशासन, ऋषिकेश एम्स के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि वे किसी तरह के मानसिक तनाव में हैं। फिर भी हमारे पास मनोचिकित्सकों और आंतरिक चिकित्सा के डॉक्टरों की टीमें हैं जो उनकी प्रारंभिक जांच करेंगी। उसके बाद रक्त जांच, छाती का एक्स-रे और जो भी अन्य आवश्यकताएं होंगी, वो की जाएंगी। इन सबके बाद हम तय करेंगे कि किसे निगरानी या छुट्टी की जरूरत है।
रेस्क्यू कंपनी का नहीं चला पता: कांग्रेस
उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकाले जाने पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि जिस क्षण ये खबर आई कि हमारे 41 श्रमिक सकुशल बाहर निकाल लिए गए हैं तो पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई। हमारा देश चांद तक पहुंच गया है लेकिन हम हमसे 50 मीटर दूर तक 17 दिनों में नहीं पहुंच पाए। इस घटना से सबक लेते हुए एक शोध होना चाहिए। आखिर ये कंपनी कौन थी? इस कंपनी का मालिक कौन है? उसका इस बचाव अभियान में कहीं भी पता नहीं चला।