नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा एजेएल और यंग इंडियन की दिल्ली, मुंबई और लखनऊ जैसे शहरों में अवैध आय से अर्जित 661.69 करोड़ की अचल संपत्ति जब्त की गई है। इसके अतिरिक्त यंग इंडिया के पास एजेएल के इक्विटी शेयरों के रूप में 90.21 करोड़ की अवैध संपत्ति है। ईडी इस मामले में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से पूछताछ कर चुकी है। इसको लेकर तमाम राजनीतिक संगठनों की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है।
दरअसल 2012 में भाजपा के नेता और देश के नामी वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, पत्रकार सुमन दुबे और टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा के खिलाफ मामला दर्ज कराया। तब केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार थी। 2014 में केंद्र जब भाजपा की सरकार आई तो इस मामले की जांच ईडी ने शुरू की। ईडी द्वारा कार्यवाही किए जाने पर भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कांग्रेस पार्टी कहती है कि आज़ादी की लड़ाई में हमने काम किया है। पहले इन्होंने आजादी की लड़ाई को अपने परिवार में समुचित कर लिया और इसी तर्ज पर परिवार की बादशाहत शुरू हो गई। ये परिवार स्वतंत्रता अभियान की संपत्ति को भी अपनी विरासत और निजी संपत्ति मानता है। भारत के लोकतंत्र में ये बहुत शर्मनाक गिरावट है। लोकतंत्र, लोकलाज से चलता है। अब कांग्रेस पार्टी लोकलाज का कितना पालन करती है, वो देश देखता है।
शेयर धारक संपत्ति के मालिक नहीं: सिब्बल
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा ईडी को पता होना चाहिए कि कानून क्या कहता है संपत्तियों का स्वामित्व कंपनियों के पास है। शेयरधारकों के पास संपत्ति नहीं होती। यह कहना कि वे (यंग इंडियन) एजेएल की 752 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक बन गए, कानून के आधार पर ये बिल्कुल गलत है क्योंकि शेयरधारक कभी मालिक नहीं बनता। हमें बताएं कि कौन सा कानून कहता है कि शेयर धारक संपत्ति के मालिक बन जाते हैं।
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