गाजियाबाद। मुस्लिम समाज की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि बेटियों के निकाह में फिजूलखर्ची न की जाए। डीजे या आतिशबाजी करने वालों पर 20 हजार रुपये का जुर्माना डाला जाए। इसके लिए अलग से एक कमेटी भी गठित की गई है।
इस्लाम में बेटियों के निकाह को सादगी से करने के लिए मुस्लिम समाज की एक बैठक मसूरी के मक्का मस्जिद में हुई। इस्लाहे मुआशरा हुआ। शादी में फिजूलखर्ची, डीजे, आतिशबाजी न करने का निर्णय लिया गया। फैसले का उल्लंघन करने पर 20 हजार का जुर्माना देना होगा। बैठक में मौजूद इमामों ने इस फैसले का लागू कर दिया है। बैठक की अध्यक्षता मक्का मस्जिद के इमाम मुफ्ती मोहम्मद औसामा ने की। इस अवसर पर एक कमेटी भी गठित की गई।
इस्लाम में शादियों के समय आतिशबाजी, ढोल नगाड़े, डीजे बजवाना और वीडियो बनवाना नाजायज और हराम बताया गया। सभी इमामों और पंचों ने इन सब पर रोक लगाने के फैसले का स्वागत किया। इसके बाद भी अगर किसी ने अपने यहां शादी में ऐसी कोई हरकत की तो कोई भी इमाम उनके यहां निकाह नहीं पढ़ाएंगे और समाज से उनका बहिष्कार किया जाएगा।
थाने में भी दी गई तहरीर
सभी पंचों की तरफ से ये तहरीर मसूरी थानाध्यक्ष को देकर अवगत कराया गया कि अगर किसी ने भी इसके खिलाफ कोई हरकत की तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बैठक में मस्जिदों के इमाम व पंच क्षेत्र मसूरी, नाहल, ढबारसी और मौजूदा प्रधान शहजाद चौधरी, शकील अहमद आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।