ब्रह्माकुमारी आश्रम में सगी बहनों ने फंदे पर लटककर जान दी

आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय ज्ञान विद्यालय में दो सगी बहनों ने सुसाइड कर लिया। दोनों एक ही कमरे में रहती थीं और शव भी उसे घर में मिले हैं। दोनों के सुसाइड नोट भी पुलिस को मिले हैं।

दोनों बहनों के नाम एकता और शिखा हैं। सुसाइड नोट में उन्होंने आश्रम से जुड़ी एक महिला समेत 4 कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया है। इसमें इन चारों पर अनैतिक गतिविधि करने और रुपए हड़पने का आरोप लगाया है। पुलिस ने इनमें से 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनके नाम गुड्डन, ताराचंद और पूनम हैं। सुसाइड नोट में यह भी आरोप लगाया गया है कि आश्रम में कई बहनों ने पहले भी सुसाइड की है, लेकिन ऐसे मामलों को छिपा लिया जाता है। जिस आश्रम में घटना हुई वह आगरा के थाना जगनेर में स्थित है। दोनों बहनों का घर आश्रम से करीब 13 किमी. दूरी पर है। जिस वक्त वारदात हुई, उस वक्त आश्रम में दोनों बहनों के अलावा एक महिला और थी। वह दूसरे कमरे में थी।

गुड्डन है दोनों बहनों का मौसा
एसीपी खेरागढ़ महेश कुमार ने बताया कि रात 12 बजे पुलिस को सूचना मिली कि ब्रह्माकुमारी में दो बहनों ने सुसाइड कर लिया। मौके पर फोरेंसिक टीम भेजकर जांच कराई गई। कमरे से सुसाइड नोट और फोन मिला है। उसे कब्जे में लिया है। उसमें कई जानकारी हासिल हुई है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। कमरे से जो सुसाइड नोट मिला है उसमें 4 लोगों को जिम्मेदार ठहराया है। ये नीरज अग्रवाल, गुड्‌डन, पूनम और ताराचंद हैं। गुड्‌डन दोनों का मौसा था, जबकि नीरज रिश्तेदार।

एक साल से आश्रम में थीं शिफ्ट
भाई सोनू ने बताया कि मेरी बहनों ने सुसाइड नोट में मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए लिखा कि जिम्मेदारों को आसाराम बापू की तरह आजीवन कारावास की सजा दी जाए। दोनों बहनें एक साल से परेशान थीं। मौत के लिए नीरज सिंघल, धौलपुर के ताराचंद, नीरज के पिता और ग्वालियर आश्रम में रहने वाली एक महिला को जिम्मेदार बताया गया है। सोनू ने बताया कि मेरी बड़ी बहन एकता और छोटी बहन शिखा ने 2008 में ब्रह्माकुमारी आश्रम से दीक्षा ली थी। तब से दोनों परिवार से अलग रह रही थीं। 4 साल पहले उन्होंने जगनेर बसई रोड पर आश्रम बनवाना शुरू किया था। एक साल पहले आश्रम बनकर तैयार हो गया। इसके बाद से दोनों वहीं रह रही थीं।

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