गाजियाबाद। इंडियन क्रिकेट टीम में चयन कराने के नाम पर क्रिकेट सीख रहे युवक से पांच लाख की ठगी हो गई। तीन साल बाद भी रणजी ट्राफी खेलने का मौका नहीं मिला तो युवक को ठगी का एहसास हुआ। मामले की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी ठग के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है।
मूलरूप से वाराणसी का रहने वाला 24 साल का पवन आंखों में इंडियन क्रिकेट टीम में खेलने का सपना लेकर 2020 गाजियाबाद आया। यहां उसने नंदग्राम थाना के राजनगर एक्सटेंशन की एक अकादमी में क्रिकेट खेलना शुरू किया। पवन के मुताबिक यहां उसकी मुलाकात जनवरी 2020 में विकास डागर नाम के शख्स से हुई। विकास ने उसे प्रैक्टिस करते हुए देखा तो अकेले में बुलाकर कहा कि तुम्हारे अंदर प्रतिभा है। तुम्हें मैं रणजी टीम में सेलेक्ट करवा सकता हूं। पवन के मुताबिक इसके लिए 18 लाख रुपए की डिमांड की गई। आप जान के हैरान हो जाएंगे की कभी इंडियन क्रिकेट टीम का सपना देखने वाल वाला पवन अब एक फैक्ट्री में सुपर वाइजर का काम कर रहा है।
18 लाख की थी डिमांड
फिलहाल गाजियाबाद के गोकुलपुरी में रह रहा पवन बताता है कि उसे रणजी टीम के सिलेक्शन के लिए 18 लाख रुपए मांगे गए। साथ ही भरोसा दिया गया कि इससे तुम्हें शोहरत मिलेगी और पैसे मिलेंगे। पवन के मुताबिक 15 जनवरी को उसने 1 लाख रुपये नकद विकास डागर को दिए। इसके बाद और पैसे की डिमांड आने पर उसने ऑनलाइन ट्रांजैक्शन किया।
रकम मांगी तो दी मुकदमे में फंसाने की धमकी
पवन के मुताबिक 3 साल में कुल मिलाकर 5 लाख रुपए वह विकास डागर को दे चुका है। पवन का आरोप है कि उसके बावजूद न तो उसका सलेक्शन हुआ और ना ही पैसे वापस दिए जा रहे हैं। पवन के मुताबिक जब उसने विकास डागर से पैसे मांगे, तो उसे झूठे केस में फंसाने मारपीट और जान से मारने की धमकी दी गई। इस सबसे परेशान होकर पवन ने अब पुलिस का सहारा लिया है। गाजियाबाद के थाना नंदग्राम में उसने मुकदमा दर्ज करवाया है। पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 420, 406 और धमकाने व मारपीट की धारा 504, 506 में मुकदमा दर्ज कर लिया है।