गाजियाबाद। हवा में लगातार धूल के मोटे कण और धुएं के कारण अब सांस लेना भी दुश्वार होने लगा है। यहां के लोगों को सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही है। सरकारी अस्पतालों के आंकड़ों पर गौर करें तो तकरीबन एक हजार मरीज ऐसे हैं, जिन्हें पिछले दो दिन में सांस लेने में परेशानी है। तमाम मरीजों को अस्थमा का अटैक भी आने लगा है। आईएमए ने भी इस पर चिंता जताते हुए जल्द एडवाइजरी जारी करने की बात कही है।
अस्पतालों में अब अधिकांश मरीज खांसते, छींकते या हांफते हुए पहुंच रहे हैं। एमएमजी अस्पताल की इमरजेंसी में 73 और संयुक्त अस्पताल में गुरुवार को 32 मरीज पहुंचे। दोनों अस्पतालों की ओपीडी में 481, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डासना, मोदीनगर, मुरादनगर, लोनी में 105 मरीज सांस लेने में परेशानी होने पर पहुंचे थे। वहीं, शहर के पांच निजी अस्पतालों में 81 मरीज आए। एमएमजी और संयुक्त अस्पताल के ओपीडी में हर दूसरा मरीज गले में खराश, सिर दर्द और बेचौनी से परेशान था। सरकारी अस्पताल में 30 फीसदी और प्राइवेट में 25 फीसदी मरीजों की वृद्धि दर्ज की गई। आईएमए के पूर्व अध्यक्ष छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. आशीष अग्रवाल ने बताया कि अचानक वायु प्रदूषण बढ़ जाना पहले से बीमार लोगों के लिए ट्रिगर का काम कर रहा है। सुबह आठ बजे ही चार ऐसे मरीज इमरजेंसी में आए जिन्हें भर्ती करना पड़ा, इनमें से तीन का ऑक्सीजन स्तर 70 से 80 के बीच था। मौसम बदलाव होने पर लोगों की प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित हो रही थी, लेकिन इस बार मरीजों का ऑक्सीजन स्तर में तेजी से गिरावट आ रही है।
इन्हेलर की बिक्री में बढ़ोत्तरी
लगातार बढ़ रहे प्रदूशण से इन्हेलर की बिक्री में भी बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं एंटीायोटिक समेत खांसी की दवाएं भी बिक रही हैं। गाजियाबाद केमिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राजेदव त्यागी ने बताया कि प्रदूषण बढ़ने पर पिछले तीन दिन में 20 फीसदी दवाइयों की ब्रिकी बढ़ गई है।
जारी की जाएगी एडवाइजरी
आईएमए की अध्यक्ष डॉ. वाणीपुरी रावत का कहना है कि जिले के पांच बड़े अस्पतालों में बृहस्पतिवार को 17 मरीजों को भर्ती किया गया है, इनमें से 12 मरीजों को ऑक्सीजन देने की जरूरत पड़ी है। आईएमए की तरफ से जल्द ही कार्ययोजना और एडवाइजरी जारी की जाएगी।
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