सपा की साइकिल यात्रा में शामिल नेता को आया हार्टअटैक, मौत

लखनऊ। सपा की साइकिल यात्रा में शामिल पार्टी के नेता रवि भूषण राजन का निधन हो गया। उन्हें हार्टअटैक आया था। वह अखिलेश यादव के साथ साइकिल यात्रा में शामिल हुए थे। हार्टअटैक के बाद उन्हें मेदांता अस्पताल में लाया गया था। वहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों का कहना था कि उनकी अस्पताल में आने से पहले ही मौत हो चुकी थी।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव आज पीएडी यात्रा में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर साइकिल चला रहे हैं। इसमें सपाई बैंड-बाजा लेकर पहुंचे हैं। कई समर्थक ऐसे भी दिखे, जो शरीर पर अखिलेश अमर रहे लिखकर पहुंचे हैं। एक समर्थक ने तो सीने पर अखिलेश का टैटू बनवाया था। इसके अलावा कई समर्थक पोस्टर लेकर भी पहुंचे। जिस पर लिखा था- राजनीतिक ताकत के लिए, समाजवादी पीएडी यात्रा। जैसे ही अखिलेश यात्रा में शामिल होने के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पहुंचे। पहले कार्यकर्ताओं ने फूल बरसाकर उनका स्वागत किया। फिर जमकर समाजवाद की जय के नारे लगाए। यात्रा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से कबीरपुर, इंदिरा नहर पुल, किसान पथ, खुर्दही बाजार, अमूल प्लांट, कैंसर हॉस्पिटल तिराहा, पलासियो मॉल, इकाना स्टेडियम, मातृ शिशु अस्पताल लोहिया, पुलिस मुख्यालय, गोमती नदी बंधा मार्ग, राप्ती अपार्टमेंट व जनेश्वर मिश्र पार्क गेट नं 7 से होते हुए लक्ष्मी मार्केट फिर जनेश्वर मिश्र पार्क में समापन होगी।

80 दिनों में 5 हजार की यात्रा पूरी
सपा अपने च्क्। और जातिगत जनगणना के मुद्दे को लेकर साइकिल यात्रा निकाल रही है। पार्टी अब तक 80 दिनों में 5000 किलोमीटर की यात्रा कर चुकी है। 125 विधानसभा क्षेत्रों से गुजर चुकी यात्रा 21 नवंबर को सैफई में खत्म होगी। यह यात्रा सपा कार्यकर्ता अभिषेक यादव के नेतृत्व में निकाली गई है।

इलाज न मिलने के लिए सीएम जिम्मेदार
यात्रा में शामिल होने से पहले अखिलेश ने सपा कार्यालय में मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने यात्रा का पोस्टर भी जारी किया। इस दौरान उन्होंने कहा, यात्रा में सब शामिल हैं। पिछड़े, अल्पसंख्यक, दलित और अगड़ों की भी बात कर रहा है। इसमें आदिवासी समूह भी है, तो अगड़े भी है। किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। ये यात्रा पहले से चल रही है। घबरा वही लोग रहे हैं, जो सिर्फ तस्वीर खींचवाने आ रहे हैं। उन्होंने कहा, पूर्व सांसद के बेटे के साथ इलाज को लेकर जो लापरवाही हुई है। बीजेपी सरकार में अगर उन्हें ही इलाज नहीं मिल पा रहा है, तो क्या ही कहे? एक छोटे डॉक्टर-कर्मचारी को ट्रांसफर कर देने से कुछ नहीं होगा। इसमें खुद मुख्यमंत्री जिम्मेदार है।

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