शातिर अनूप ने डीएम-एसएसपी को भी दिया चकमा, कई बार लिए गनर

गाजियाबाद। यूपी एसटीएफ द्वारा पकड़ा गए ठग अनूप चौधरी की भाजपा नेताओं में काफी अच्छी पैठ है। इतना ही नहीं चार साल से वह गाजियाबाद के अफसरों को भी अपने तेवर से धमकाए रहा और आठ बार गनर भी लिए। हर वह खुद को किसी न किसी आयोग का सदस्य बताता और भारत सरकार का फर्जी लेटरहेड भी बना लेता था।

बताया जाता है कि अनूप हर बार गाजियाबाद के डीएम-एसएसपी को ई-मेल भेजता और गनर लेता। आखिरी बार उसने 14 सितंबर 2023 को गनर लिया था। जो अयोध्या में पकड़ा गया है। मामले का खुलासा होने के बाद गाजियाबाद पुलिस ने भी एक एफआईआर दर्ज करवाई है। गाजियाबाद पुलिस के वीआईपी सेल प्रभारी इंस्पेक्टर मयंक अरोरा ने अनूप चौधरी के खिलाफ थाना कविनगर में मुकदमा दर्ज कराया है। मयंक ने बताया, अनूप ने 18 अक्टूबर 2020 को गाजियाबाद के तत्कालीन डीएम-एसएसपी को एक ई-मेल भेजा। खुद को भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा महाराष्ट्र का प्रदेश प्रभारी, सेंसर बोर्ड का पूर्व केंद्रीय सलाहकार सदस्य और फिल्म विकास परिषद उप्र का पूर्व सदस्य बताया था। इस आधार पर गाजियाबाद पुलिस ने अनूप को गनर दिया। अनूप चौधरी ने 6 दिसंबर 2020, 18 दिसंबर 2020, 20 अगस्त 2022, 30 अगस्त 2022, 27 फरवरी 2023, 10 जुलाई 2023 और 14 सितंबर 2023 को भी गनर लिया। इसमें अनूप ने खुद को उत्तर रेलवे का सदस्य, फिल्म विकास परिषद उप्र का पूर्व सदस्य, भारतीय खाद्य निगम की सलाहकार समिति का सदस्य होने का फर्जी लेटर हेड लगाकर गनर लिया। हर बार अनूप चौधरी ने गाजियाबाद पुलिस को ई-मेल कर गनर लिया। अनूप जब भी गाजियाबाद आता था, उससे पहले डीएम-एसएसपी को फर्जी लेटर हेड लगाकर एक ईमेल भेजता था। अफसर भी उस लेटर हेड की कोई जांच नहीं कराते थे और उसको गनर दे देते थे। कहा जा रहा है कि गाजियाबाद कमिश्नरेट के कई पुलिस अफसर अनूप चौधरी के खास हैं। इस वजह से उसे गनर मिलने में कोई दिक्कत नहीं आती थी।

15 हजार का इनामी है शातिर
अनूप चौधरी पर उत्तराखंड में 15 हजार रुपए का इनाम भी घोषित है। सोमवार रात अयोध्या के गेस्ट हाउस में दबिश दी गई। वहां अनूप के साथ स्कार्पियो गाड़ी में 4 अन्य लोग गनर पवन कुमार, ओएसडी श्रीनिवास नाराला, एक व्यापारी सत्य प्रकाश और ड्राइवर फिरोज था। गनर पवन कुमार ने खुद को प्रोटोकॉल ड्यूटी पर बताया। पवन ने कहा कि वह गाजियाबाद पुलिस में तैनात है। पीछे की सीट पर अनूप और व्यापारी सत्य प्रकाश बैठा था। पूछताछ में अनूप ने बताया, वह क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति उत्तर रेलवे एवं भारतीय खाद्य निगम लखनऊ का सदस्य है। विभाग के मंत्री को मिले प्रोटोकॉल सुविधा को देखकर निजी तौर पर गैर सरकारी श्रीनिवास नाराला को अपना ओएसडी बनाया है।

व्यापारी को भी दिया था झांसा
पूछताछ के बाद एसटीएफ ने ड्राइवर और अनूप चौधरी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि गनर और व्यापारी को छोड़ दिया। व्यापारी सत्यप्रकाश ने बताया, अनूप उसको प्रदेश सरकार की हेलीपोर्ट योजना में टेंडर दिलाने का झांसा दे रहा था। इसी कारण उसके साथ लगे हुए थे। ताकि टेंडर मिल जाए और दो पैसा कमा लें लेकिन यहां तो सब फर्जीवाड़ा निकला।

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