नोएडा। अथॉरिटी में हुए एफडी फ्रॉड की पुलिस ने एक महीना जांच की लेकिन एक भी अपराधी पकड़ में नहीं आया। जिसके बाद पूरे मामले की जांच इकोनॉमिक ऑफेंस विंग को सौंपी गई है। उम्मीद है कि जल्द ही एफडी फ्रॉड में शामिल लोगों पर कार्यवाही हो सकती है।
प्राधिकरण ने 200 करोड़ की एफडी कराने के लिए जून 2023 को नोयडा के सेक्टर-62 में बैंक ऑफ इंडिया में खाता खुलवाया था। ठगों ने प्राधिकरण और बैंक के कर्मचारियों से मिलकर करीब 3 करोड़ रुपए निकाल कर अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए थे। इसके बाद करीब 9 करोड रुपए और ट्रांसफर करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही थी लेकिन गड़बड़ी का अंदेशा होने पर उसे रोक दिया गया। पूरे मामले में जुलाई में नोएडा प्राधिकरण के मुख्य वित्तीय एवं लेखा अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने कोतवाली सेक्टर 58 में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद तत्कालीन सीईओ रितु माहेश्वरी ने मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की थी। समिति को 15 दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए थे। जांच महीनाभर पूरी न होने पर सभी अधिकारियों को क्लीन चिट भी दे दी गई थी। जिसके बाद अब इकोनॉमिक ऑफेंस विंग को पूरे प्रकरण की जांच सौंप गई है ताकि दोषियों पर कार्रवाई की जा सके। इकोनॉमिक ऑफेंस विंग के पास पूरे मामले की जांच जाने से नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।
मास्टरमाइंड पकड़ से बाहर
नोएडा पुलिस का दावा है कि प्राधिकरण के एचडी घोटाले के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जिम राजेश, सुधीर और मुरारी शामिल है। पुलिस के सूत्रों से जानकारी मिली कि एचडी घोटाले का मास्टरमाइंड मनु पॉल अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है।
कई अफसरों तक पहुंचेगी जांच की आंच
नोएडा प्राधिकरण में एफडी घोटाले को लेकर इकोनॉमिक ऑफेंस विंग अब जांच कर रही है। जांच में नोएडा प्राधिकरण और बैंक से जुड़े कर्मचारियों के गर्दन फंसने की संभावना जताई जा रही है। क्योंकि बिना कर्मचारियों की मिली भगत के इतना बड़ा फ्रॉड हो ही नहीं सकता। इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी है और एफडी घोटाले से जुड़े तथ्य भी जुटाना शुरू कर दिए हैं।