गाजियाबाद। सीबीआई ने दिल्ली पुलिस के दरोगा के खिलाफ घूस मांगने का मुकदमा कायम किया है। वहीं इस मामले से जुड़े साक्ष्य जुटाकर दरोगा के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि अब इस दरोगा पर कार्रवाई की तलवार लटक चुकी है। हालांकि फिलहाल अफसर कुछ भी खुलकर नहीं कह रहे।
लोनी क्षेत्र के श्याम इंडस्ट्रियल एरिया स्थित नवीन कुंज निवासी जगत सिंह सीबीआई को बताया कि प्लॉट नंबर 25 में उनका घर है, जिसे पिछले कुछ साल से वह किराए पर देते आ रहे हैं। तीन अक्टूबर 2023 को ये घर उन्होंने सुमित नाम के युवक को किराए पर दिया था। 7 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर विजयपाल ने इस घर की तलाशी ली और जगत सिंह को बताया कि उनके घर में अवैध हथियार बनाए जा रहे हैं। इस सिलसिले में सब इंस्पेक्टर ने उन्हें 16 अक्टूबर को दिल्ली के मौरिस नगर पुलिस स्टेशन में बुलाया। यहां उनके बेटे परविंद्र को जेल न भेजने की एवज में 5 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। जगत सिंह का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने आर्म्स सप्लाई के जिस मामले में छापेमारी की और जो मुकदमा दर्ज है, उसमें कहीं भी उनके बेटे परविंद्र का नाम दर्ज नहीं है।
सीबीआई के जाल में फंसा दरोगा
जगत सिंह की शिकायत पर सीबीआई की दिल्ली एंटी करप्शन शाखा ने 18 अक्टूबर को मामला दर्ज किया। वहीं सीबीआई अधिकारियों के निर्देश पर इंस्पेक्टर धर्मवीर के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई। इस टीम ने जगत सिंह को एक ऑडियो रिकॉर्डर मुहैया कराया। ताकि साक्ष्य संकलित हो जाएं। इसके बाद जगत सिंह को रिकार्डर लेकर पुनः सब इंस्पेक्टर विजय पाल के पास पहुंचा। शिकायकर्ता ने सब इंस्पेक्टर से कहा कि वो सिर्फ 4 लाख रुपए दे सकता है। जिसमें अभी तक केवल एक लाख रुपए का इंतजाम कर पाया है। शिकायकर्ता ने एक लाख रुपए देने चाहे तो सब इंस्पेक्टर ने एकसाथ ही पूरी रकम 21 अक्टूबर तक देने के लिए कहा। इस तारीख के बाद शिकायकर्ता के बेटे परविंद्र को गिरफ्तार कर लेने की बात कही गई।
खंगाली जा रही किराएदार की कुंडली
सीबीआई अब जगतसिंह के मकान में रहने वाले किराएदार की कुंडली भी खंगाल रही है। टीम ने उस घर का मुआयना किया। वहीं किराएदार से भी पूछताछ की गई। टीम को शक है कि किराएदार भी दरोगा से मिला हो सकता है और साजिश के तहत दरोगा ने पहले उसे किराए पर घर दिलाया, जबकि बाद में वहां छापामारी की। टीम फिलहाल इस कनेक्शन को जोड़कर जांच आगे बढ़ा रही है। क्योंकि टीम को लगता है कि कहीं दरोगा इस तरह एक रैकेट न चला रहा हो और कई अन्य लोग भी इसी तरह फंसे हों। सीबीआई ने घूस मांगने के सुबूत ऑडियो रिकॉर्डर में दर्ज कर लिए हैं और आगे की जांच शुरू कर दी है।