प्रमोद हत्याकांड: 12 पर लूट-हत्या का केस, एसएचओ की विभागीय जांच शुरू

गाजियाबाद। घर से चंद कदम दूर कुत्तों को रोटी डालने गए किसान प्रमोद कसाना की हत्या के मामले में पुलिस ने दर्जनभर लोगों के खिलाफ लूट-हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में लापरवाह रिस्तल चौकी प्रभारी प्रमोद कुमार सोमवार को ही सस्पेंड किए जा चुके हैं। जबकि थाना टीलामोड़ के प्रभारी चंद्रकांत पाण्डेय के खिलाफ भी विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस नामजदों की तलाश कर रही है।
प्रमोद के भाई विनोद की ओर से मुकदमा कायम हुआ है। इसमें प्रधान अर्चना कसाना का पति कपिल कसाना, गांव के ही निवासी जितेंद्र, सोनू कुमार, सोनू, हरिओम, शीतल, धर्मवीर, धर्मपाल और आनंद नामजग हैं। वहीं कुछ लोग अज्ञात भी दिखाए गए हैं। मुकदमे में जिक्र है कि प्रमोद रोज की तरह कुत्ते को रोटी खिलाने के लिए खेत पर जा रहे थे। रास्ते में उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गईं। उन्हें छह गोलियां लगीं। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हमलावर पहले से घात लगाकर बैठे थे। हत्या के बाद भी वे भागे नहीं। दस मिनट तक वहीं पर रहे। इसके बाद जब उनके परिवार के लोग पहुंचे, तब उनके सामने वे प्रमोद का मोबाइल फोन लूटकर हथियार लहराते हुए आराम से गए।

15 घंटे हुई सिस्टम की छीछालेदर
हत्या की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई लेकिन परिजनों समेत गांव के लोग इस हत्याकांड के बेहद आक्रोशित थे। नतीजतन लाश पुलिस को नहीं सौंपी गई। भीड़ का सीधा आरोप था कि चौकी प्रभारी अगर मामले को गंभीरता से लेता तो यह नौबत न आती। क्योंकि हत्या की धमकी दिए जाने की तहरीर पहले ही चौकी पुलिस को दी गई थी लेकिन पुलिस आरोपी की पैरोकारी करती दिखी थी। इसी कारण यह कांड हुआ है। 15 घंटे तक हंगामा चलता रहा और भीड़ ने शव पुलिस को नहीं सौंपा। इतनी छीछालेदर के बाद अफसरों ने आनन-फानन में चौकी इंचार्ज पर कार्रवाई कर डाली। सोमवार सुबह 11 बजे अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिनेश पी. कुमार ने प्रमोद के परिजनों को बताया कि चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया था। थाना प्रभारी के खिलाफ भी जांच होगी। इस पर परिजन और अन्य लोग शांत हुए। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका। गांव में गुस्सा देखते हुए तीन थानों की फोर्स लगाई गई है। त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) और प्रादेशिक सशस्त्र बल (पीएसी) को भी तैनात किया गया है।

सियासी संरक्षण का भी आरोप
परिजनों का कहना है कि आरोपी पक्ष को कुछ सियासतदारों का भी संरक्षण मिला हुआ है। कुछ दिन पहले ही कपिल ने हत्या की धमकी दी थी। इसकी लिखित शिकायत चौकी पर दी गई थी। थाना पुलिस को भी बताया था। कपिल के खिलाफ पहले से संगीन धाराओं में केस दर्ज हैं। इसके बावजूद पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। उसे पुलिस का संरक्षण है। राजनीतिक दलों से कुछ लोग भी उसे संरक्षण देते हैं। इसी वजह से वह कार्रवाई से बच जाता है। विनोद का कहना है कि कुछ दिन पहले कपिल ने उनके चाचा सुभाष पर हमला किया था। उस मामले में भी अब तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।

संपत्ति जब्त करने की तैयारी
अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर दिनेश पी. कुमार का कहना है कि प्रमोद की हत्या के आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में गैंगस्टर एक्ट का केस भी दर्ज किया जाएगा। आरोपियों की संपत्ति को भी पुलिस जब्त करेगी। उन्हें संरक्षण देने वालों की पहचान की जा रही है। उन पर भी कार्रवाई होगी। मौका ए वारदात के आसपास से कुछ सीसीटीवी फुटेज मिली हैं। उन्हें देखा जा रहा है। हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है। जल्द ही मामले का खुलासा होगा। वहीं
खतौली से रालोद के विधायक मदन भैया ने प्रमोद के परिजनों से मिलकर सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि लिखित शिकायत मिलने पर पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए थी। पुलिस सतर्कता दिखाती तो वारदात नहीं होती। आरोपी चाहें कितना ही पहुंच वाला हो, उस पर कार्रवाई होनी ही चाहिए।

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