गाजियाबाद। पुलिस ने ज्वैलरी चोरी करने वाले गैंग को पकड़ा है। गैंग की सरगना पिछले 31 साल से चोरी की वारदातों को अंजाम दे रही है। सभी चोरियों ज्वैलरी शॉप से हुई थीं।
गाजियाबाद पुलिस के अपर पुलिस उपायुक्त (क्राइम) सच्चिदानंद ने बताया, कि क्राइम ब्रांच टीम ने बुधवार शाम को गाजियाबाद में नंदग्राम कट मेरठ रोड से 3 शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान 52 वर्षीय कौशर उर्फ रवि, इसकी सरगना 50 वर्षीय पत्नी खातून और एक अन्य नौशाद के रूप में हुई।
तीनों गाजियाबाद के रहने वाले हैं। पुलिस को इनसे कुछ ज्वेलरी मिली। पूछताछ में सामने आया कि इसको अलग-अलग दुकानों से चोरी किया गया था। पुलिस के मुताबिक नंदग्राम इलाके के दीनदयालपुरी स्थित सोनी ज्वैलर्स के यहां पिछले दिनों खातून कस्टमर बनकर गई थी। जेवर देखने के बहाने उसने ज्वेलरी चुराई थी।
ऐसे करते थे वारदात
आरोपियों ने चोरी की कई वारदातों को अंजाम दिया था। चोरी के लिए ये टारगेट सेट करते थे। मतलब 7 से 10 दिन में चोरी को अंजाम देना होता था। हालांकि, इन 31 साल के दौरान खातून 4 बार पकड़ी भी गई। हर बार जेल से छूटकर फिर इसी धंधे में उतर आई। 5वीं बार अब खातून को गाजियाबाद पुलिस जेल भेज रही है। इस गैंग ने दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़, हरिद्वार में तमाम घटनाएं कबूली हैं। 50 साल की खातून गाजियाबाद में अर्थला की रहने वाली है। उसके इस गैंग में पति कौशर उर्फ रवि सहित नौशाद, आशिया उर्फ लल्ली, नर्गिस, रुकसाना और नाजिम हैं।
पुरुष करते हैं रैकी, महिलाएं करती हैं चोरी
पुलिस के मुताबिक कौशर, नौशाद और नाजिम शहरों में घूमकर ऐसी ज्वेलरी शॉप तलाशते हैं जो छोटी हैं और उन पर एक ही दुकानदार बैठता हो। इसके बाद खातून और उसके गैंग की महिलाएं कस्टमर बनकर उस शॉप पर जाती हैं। तरह-तरह की ज्वेलरी मंगवाकर काउंटर पर रखकर दुकानदार को बातों में उलझा लेती हैं। इसके बाद गैंग की कोई भी महिला मौका मिलते ही ज्वेलरी चुरा लेती है। चोरी के जेवरातों को ये गैंग दिल्ली के सीलमपुर में सर्राफ सतीश और गाजियाबाद के कैला भट्टा में सर्राफ आस मोहम्मद के यहां सस्ते दाम पर बेच देता है। जिसके बाद गैंग के सातों मेंबर सारा पैसा बराबर-बराबर बांट लेते हैं। जिस शहर में वो चोरियां करते हैं, वहां जल्दी से दोबारा नहीं लौटते।