गाजियाबाद। लोनी के रूपनगर इलाके में मौजूद अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके में घायल हुए नूरी (17) ने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। परिजन उसे अस्पताल ले घर ले आए थे और एक वैद्य से देसी दवाओं के जरिये इलाज करवा रहे थे। इस हादसे में छह लोगों की मौत पहले हो चुकी है। जबकि नूरी की मौत के साथ यह आंकड़ा सात तक पहुंच गया है।
तकरीबन 25 दिन पहले अवैध फैक्ट्री में आतिशबादी बनाने के दौरान धमाका हुआ और छह लोगों की मौत हो गई। किसी ने मौके पर दम तोड़ा तो कोई इलाज के दौरान काल का ग्रास बना। फैक्ट्री शारिक नाम के शख्स की थी। एक युवक घायल भी हुआ था, जो फिलहाल ठीक बताया जा रहा है। वहीं घायल नूरी का 25 दिन से इलाज चल रहा था। पहले उसे जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन वहां के इलाज से परिवार वाले संतुश्ट नहीं हुए। नतीजतन परिवार वाले उसे घर ले आए और मेरठ के एक वैद्य से इलाज करवा रहे थे। परिजनों ने बताया कि मरहम-पट्टी से नूरी को आराम भी आने लगा था। वह खुद खाने और पीने लगी थी। परिवार के सदस्यों से बात करती थी। परिजनों ने बताया कि तीन दिनों से नूरी घर के बाहर आने की बात कह रही थी। मंगलवार को परिजनों ने नूरी के जिद करने पर उसे घर के आंगन में खाट पर लेटा दिया। आंगन में आने के बाद नूरी की तबीयत खराब होने लगी। परिजनों ने डॉक्टरों को बुलाया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। आंगन में आते ही नूरी ने दम तोड़ दिया। नूरी की मौत होने पर लोगों की भीड़ एकत्रित होने लगी। पुलिस को इसकी सूचना मिली। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची। परिजन पहले तो नूरी के शव को पोस्टमार्टम पर भेजने से इन्कार करने लगे लेकिन आसपास के लोगों की समझाने पर परिजन मान गए।
इनकी हो चुकी है मौत
रूपनगर पटाखा फैक्टरी धमाके में मेहविश (40), मेहविश का बेटा इमरान (18), शाहिस्ता (35), शाहिस्ता की दो बेटी अलीना (08), अलीशा (09), गीता (27) और नूरी (17) की मौत हो चुकी है। नूरी के पिता मजदूरी करते हैं। मां और बहन घर में धागे काटने का काम करती हैं। नूरी भी पटाखा फैक्टरी में काम कर घर चलाने में मदद करती थी। नूरी के घायल होने पर परिवार में इलाज का भार आने लगा। मेरठ से आ रहा वैद्य भी 3500 रुपये लेता था। बाहर की दवाई भी हजारों में आती थी। नूरी को बचाने के लिए परिजनों ने आसपास के लोगों से कर्ज लेना शुरू कर दिया था। करीब 50 हजार रुपये का कर्ज वह नूरी के इलाज के लिए ले चुके हैं।
ये हुई अब तक कार्रवाई
एसीपी रजनीश कुमार उपाध्याय ने बताया कि रूपनगर पुलिस चौकी से कुछ दूरी पर पटाखा फैक्टरी संचालित होने के मामले में अधिकारियों ने तत्कालीन चौकी प्रभारी रमेश चंद गौतम, बीट कांस्टेबल कौशल सिंह और दिनेश कुमार को हटा दिया था। पटाखा फैक्टरी धमाके के मामले में पुलिस जल्द चार्जशीट पेश करने जा रही है। सभी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार है। वहीं इस फैक्टरी से संबंधित तीनों आरोपियों शारिक, विकास गोयल और भूस्वामी को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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