गाजियाबाद। इजराइल-हमास युद्ध में शामिल होने की मांग करने निकले डासना देवी मंदिर के महंत और महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद को दिल्ली में घुसते ही पुलिस ने रोक लिया। बताया जाता है कि यह कार्रवाई केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर हुई।
नरसिंहानंद अपना रक्तलिखित पत्र इजराइल दूतावास को लेकर निकले थे। चूंकि उन्होंने पहले से ही इसको लेकर बयान जारी कर दिया था, ऐसे में खुफिया अमला समेत पुलिस सतर्क थी। हालांकि यहां की पुलिस को किसी तरह चकमा देकर वह दिल्ली बार्डर तक पहुंच गए। बताया जाता है कि लोकल पुलिस की सूचना पर दिल्ली बार्डर पर पहले से तैनात पुलिस बल ने उन्हें रोक लिया। इसको लेकर उनकी दिल्ली पुलिस से हल्की नोकझोंक भी हुई लेकिन अफसरों ने उन्हें समझाकर शांत किया। वहीं पुलिस उपायुक्त को देकर वापस लौटेंगे।
हमास के खिलाफ लड़ने की इच्छा
नरसिंहानंद गिरि का कहना है कि वह हमास के खिलाफ जंग लड़ना चाहते हैं। ताकि आतंकवाद का खात्मा हो। इससे इजराइल से भारत के संबंध भी बेहतर होंगे। वहीं आतंकवाद के खिलाफ चल रही मुहिम में उन्हें शामिल होने का मौका भी मिल जाएगा। शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर और श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने इसको लेकर एक वीडियो जारी किया था। जिसमें उन्होंने इस्राइल-हमास युद्ध में शामिल होने आह्वान किया था। धर्मगुरुओं और नेताओं से उन्हें और उनके शिष्यों को अपनी लड़ाई में सम्मिलित करने का आह्वान किया।
वीडियो में यह बोले नरसिंहानंद
वीडियो में उन्होंने कहा कि इस्राइल और सनातनियों का शत्रु एक ही है। अभी भारत के लोग इस लड़ाई के लिए तैयार नहीं हैं, इसीलिए जो लड़ना चाहते हैं इस्राइल उन्हें अपनी लड़ाई में सम्मिलित करे। अगर इस्राइल उन्हें और उनके शिष्यों को उनकी धार्मिक आस्थाओं और मान्यताओं के साथ इस्राइल में रहने की अनुमति दे तो वो हर मोर्चे पर इस्राइल के साथ लड़ेंगे और इस शैतानी विचारधारा को समाप्त करने का प्रयास करेंगे। वीडियो में आगे कहा था कि वो और उनके शिष्य शांति काल में इस्राइल के विकास और उन्नति के लिए कार्य करेंगे और युद्ध व आपातकाल में वो भाग लेंगे। उन्होने यह भी कहा कि हम हिन्दू हैं और हम अपनी धार्मिक आस्थाओं और मान्यताओं को कभी भी किसी पर नहीं थोपते। इसीलिए कभी भी हमारे किसी से धार्मिक विवाद होने की कोई संभावना ही नहीं है।