सिकंदरपुर में झुग्गियों में आग का तांडव: छह लोग झुलसे, परिवार की जिंदगी खाक में बदली

गाजियाबाद:- टीला मोड़ थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर में सोमवार रात को दर्दनाक हादसा हुआ, जब झुग्गियों में आग लगने से एक ही परिवार के चार बच्चों समेत छह लोग झुलस गए। यह घटना रात करीब 10 बजे की है, जब झुग्गियों में आग ने विकराल रूप ले लिया। हादसे में झुलसे लोगों को गाजियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल ले जाया गया, जहां से तीन बच्चों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। हालांकि, एक बच्ची और दंपती का इलाज अभी भी चल रहा है।
आग लगने की घटना
बिहार के मूल निवासी प्रमोद अपनी पत्नी संजू और चार बेटियों—गीता, किरन, चांदनी और शिल्पी—के साथ सिकंदरपुर में झुग्गी में रहते हैं। पास की झुग्गी में उनकी रिश्तेदार केसरी देवी का परिवार रहता है। सोमवार रात को जब परिवार सो रहा था, तभी गीता की चीखों ने सबको जगाया। आग तेजी से फैल रही थी, और जब तक परिवार आग की चपेट से बच पाता, झुग्गियां पूरी तरह जलने लगीं।
स्थानीय लोगों की तत्परता
आसपास के लोगों ने तुरंत आग बुझाने की कोशिश की। अग्निशमन विभाग को सूचना दी गई, लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही स्थानीय लोगों ने आग पर काबू पा लिया। हालांकि, आग के कारण प्रमोद और उनके परिवार को गंभीर चोटें आईं।
झुलसने वालों का हाल
प्रमोद का चेहरा गंभीर रूप से झुलस गया है, जिससे वे बोल पाने में असमर्थ हैं।
उनकी पत्नी संजू और बेटी किरन का इलाज जारी है।
गीता, चांदनी, और शिल्पी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
आग से परिवार का पूरा सामान जलकर खाक हो गया। उनके पास पहनने के लिए कपड़े तक नहीं बचे।
कैसे लगी आग?
शालीमार गार्डन की सहायक पुलिस आयुक्त सलोनी अग्रवाल ने बताया कि झुग्गी में आग अलाव तापने के दौरान लगी। झुग्गियों के पास प्लास्टिक सामग्री होने के कारण आग ने तेजी से विकराल रूप ले लिया। पीड़ित परिवार ने पुलिस को लिखित में दिया है कि वे किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई नहीं चाहते।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
मुख्य अग्निशमन अधिकारी राहुल पाल ने बताया कि सूचना मिलते ही दो दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया था। हालांकि, स्थानीय लोगों द्वारा आग बुझा लेने की खबर मिलने पर गाड़ियां वापस लौट आईं।
झुग्गीवासियों के लिए सबक
यह घटना झुग्गीवासियों के लिए एक गंभीर चेतावनी है। प्लास्टिक और अन्य ज्वलनशील सामग्री से दूरी बनाए रखना और अलाव तापते समय सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।
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