साहिबाबाद। टीएचए में रहने वाली तकरीबन 10 लाख की आबादी को गंगाजल की सप्लाई दीपावली के बाद ही मुहैया हो सकेगी। वजह है कि 24 अक्टूबर की रात से सिंचाई विभाग गंगनहर को बंद कर देगा। ताकि इसकी सफाई हो सके।
गंगनहर की वार्षिक सफाई होने के चलते दीपावली का पांच दिवसीय पर्व गंगाजल के बिना ही मनेगा। 18 दिन तक नहर की सफाई होगी। जबकि इसके बाद 11 नवंबर को नहर पुनः चालू करने की बात जिम्मेदार कह रहे हैं। हालांकि वैकल्पिक व्यवस्था के तहत नगर निगम और जीडीए नलकूपों के जरिये वाटर सप्लाई जारी रखेंगे। गंगाजल परियोजना इकाई उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) अधिशासी अभियंता उन्मेश शुक्ला ने बताया कि हर साल अक्तूबर में गंगनहर की वार्षिक सफाई कराई जाती है। इस कारण प्रतापविहार प्लांट को करीब एक माह तक पानी नहीं मिलता है। इस दौरान टीएचए और नोएडा को गंगाजल की आपूर्ति बंद रहती है। नगर निगम और जीडीए अपने नलकूपों से पानी आपूर्ति करता है। वसुंधरा, इंदिरापुरम, वैशाली, कौशांबी, डेल्टा कॉलोनी को भूजल का पानी मिलता है। उन्होंने बताया कि सिंचाई विभाग की ओर से 24/25 अक्तूबर की रात से 11/12 नवंबर तक गंगनहर बंद रहने की जानकारी दी गई है। इस दौरान प्लांट से गंगाजल की आपूर्ति बंद रहेगी। इसकी सूचना नगर निगम और जीडीए को दे दी गई है।
एक बार मिलेगी वाटर सप्लाई
वसुंधरा जोन में 125 नलकूप व जीडीए के तीन निर्माणाधीन समेत 25 नलकूप हैं। जीडीए अपने नलकूप से इंदिरापुरम में पानी भेजेगा जबकि नगर निगम अपने नलकूपों से वसुंधरा, वैशाली, कौशांबी व डेल्टा कॉलोनी में पानी देंगे। नगर निगम व जीडीए अधिकारियों ने बताया कि गंगनहर बंद होने के दौरान एक समय पानी की आपूर्ति की जाएगी। इससे लोग जरूरी कामों के लिए पानी भंडारित कर सकेंगे।
इतना खर्च होता है पेयजल
80 क्यूसेक पानी नोएडा में रोजाना खर्च होता है। जबकि 15 क्यूसेक इंदिरापुरम तो पांच क्यूसेक सिद्धार्थ बिहार की आबादी खर्च करती है। वसुंधरा जोन में 23 तो इंदिरापुर में सात क्यूसेक वाटर सप्लाई खर्च होती है। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता पीके जैन ने बताया कि नहर वार्षिक सफाई के लिए 24 की मध्यरात्रि बंद कर दी जाएगी। इस बीच नहर की सिल्ट साफ की जाएगी। जबकि इसके बाद लोगों को स्वच्छ गंगाजल दिया जाएगा।