एशियन गोल्ड मेडिलिस्ट पवन को मिलेंगे एक करोड़ रुपये

नई दिल्ली। एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल दिलाने वाले कबड्डी खिलाड़ी पवन सहरावत को दिल्ली सरकार एक करोड़ रुपये बतौर सम्मान देगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसकी घोशणा की है। कहा कि खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ऐसी पॉलिसी बना रही हैं कि बाकी राज्य भी कहेंगे कि पालिसी हो तो दिल्ली जैसी।

केजरीवार बवाना स्थित राजीव गांधी स्टेडियम में एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल दिलाने वाले कबड्डी खिलाड़ी पवन सहरावत के सम्मान समारोह में पहुंचे थे। कहा कि दिल्ली का मुख्यमंत्री होने के नाते मेरा भी सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। दिल्ली सरकार पवन को एक करोड़ की सम्मान राशि देगी। हमारी सरकार प्रतिभावान खिलाड़ियों को निखारने के लिए प्ले एंड प्रोग्रेस और मिशन एक्सीलेंस पॉलिसी के जरिए आर्थिक मदद देती है। पिछले सात साल में हमारी सरकार ने स्पोर्ट्स पर जितना काम किया है, शायद ही किसी सरकार ने किया होगा। केजरीवाल ने कहा कि बवाना में आकर मेरी पुरानी यादें भी ताजा हो गईं। अन्ना आंदोलन के दौरान राजीव गांधी स्टेडियम को जेल बनाया गया था और हमने यहां दो रातें काटी थी। यहीं पर बैठ कर हम क्रांतिकारी गीत गा रहे थे और रोटी खाई थी। इस मौके पर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत सहित राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मौजूद रहे।

हर उम्र के खिलाड़ियों की पालिसी
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में हमने खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने के लिए तीन तरह की पॉलिसी बनाई है। पहला प्ले एंड प्रोग्रेस है। ये पॉलिसी छोटे बच्चों के लिए है। अगर हमें 13-14 साल से कम उम्र के बच्चों के अंदर क्षमता दिखाई देती है तो हम उन्हें साल में 2-3 लाख रुपये देते हैं। ये बच्चे इस पैसे को कोचिंग, पौष्टिक आहार पर खर्च कर सकते हैं। चीन समेत कई दूसरे देशों में क्षमतावान बच्चों को बचपन में ही ले लेते हैं और उनको खेल के लिए तैयार करते हैं। हालांकि हम अभी उस स्तर पर नहीं पहुंचे हैं।

16 करोड़ से चमका है स्टेडियम
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने बवाना स्टेडियम को शानदार बना दिया है। इस स्टेडियम के रेनोवेशन में 16 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। नजफगढ़, कैर, मुंडेला, प्रहलादपुर में भी नया स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनकर तैयार हो गया है। कटेवड़ा में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स स्वीकृत हो गया है, जल्द ही बन जाएगा। इसी तरह मित्राऊं, झड़ोदा कलां और समस्तपुर समेत कई अन्य जगहों पर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बन रहे हैं। मैं नहीं समझता कि मात्र साल साल के अंदर गांव-देहात में इतने बड़े स्तर पर किसी सरकार ने स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने पर कभी काम किया होगा। गांवों में धारा-81 और 33 की समस्या रहती है। इसके लिए मैं काफी लड़ा हूं। हमने दो साल पहले विधानसभा में भी एक प्रस्ताव पारित किया था। फिर हमने केंद्र सरकार को भी भेजा, लेकिन हमारे हाथ में नहीं है।

Exit mobile version