गाजियाबाद। बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले रैकेट का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने दो लोगों को पकड़ा है, इनमें एक युवती भी शामिल है। जबकि दो शातिर फरार हैं। इनकी तलाश में छापामारी चल रही हैै।
काफी समय से बेरोजगारों के मोबाइल पर एक कॉल आती थी। कॉल करने वाला उसे नौकरी दिलाने का झांसा देता था। इस झांसे में आए युवकों से कई तरीकों से रुपये ऐंठे जाते थे। बाद में बड़ी नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम भी वसूल ली जाती थी। इनमें कुछेक को मामूली नौकरी दिलाई गई तो बाकी के लोगों से ठगी की गई और अभी तक आश्वासन दिए जा रहे थे। पुलिस के मुताबिक बागपत के कठेरा मुकर्रबपुर निवासी अक्षय तोमर ने इस ठगी की शिकायत पुलिस से की। एक्टिव हुई पुलिस ने नोएडा सेक्टर-58 में छापामारी की और वहां से एक युवक व युवती को हिरासत में ले लिया।
ये निकले शातिर ठग
पकड़े गए आरोपियों के पास से पुलिस ने दो लैपटॉप, 10 मोबाइल सेट, 17 सिमकार्ड, पांच एम्प्लॉय आइडी कार्ड, 10 आधारकार्ड समेत कई बैंकों के प्रपत्र आदि दस्तावेज बरामद किए हैं। पूछताछ में आरोपियों ने अपने नाम पूजा कश्यप निवासी सदरपुर व अरशद निवासी कैला भट्ठा बताए। वहीं अपने साथियों के नाम और पते भी कबूले। इस पूरे मकड़जाल में चार लोग शामिल निकले, जिन्होंने अनगिनत युवाओं को फंसाकर उनसे रकम ऐंठ ली।
ऐसे करते थे ठगी
पूजा ने पुलिस को बताया कि मैं इमरान, अरशद, मोहम्मद फरीदी के साथ काम करती हूं। हम सभी ने नोएडा सेक्टर-58 में एक स्पेस किराए पर ले रखा है, जहां पर बैठकर वे बेरोजगारों को नौकरी के बाबत कॉल करते हैं और उनके बायोडाटा मंगवाते हैं। इसके बाद इमरान और फरीदी इंटरव्यू के लिए लड़कों को बुलाते हैं। शुरुआत में बेरोजगारों से प्रोसेसिंग फीस वसूली जाती है। फिर इंटरव्यू में सलेक्ट बताकर बैंक में अच्छी पोस्ट देने का झांसा देकर और रुपए ऐंठते हैं। आखिर में कुछ लड़कों को बैंक में मार्केटिंग की मामूली नौकरी कराई जाती है, जबकि कुछ लड़कों से सिर्फ रुपए ऐंठे जाते हैं।