वसुंधरा जोन के संपत्तिकर में बड़ा घोटाला, महापौर ने शुरू कराई जांच

गाजियाबाद। नगर निगम में बड़ा घोटाला सामने आया है। इसमें 22 संपत्तियों का कर माफ कर दिया गया और किसी को भनक तक नहीं लगी। ये संपत्तियां वसुंधरा जोन के इंदिरापुरम में मौजूद हैं और इन पर करोड़ों की देनदारी थी। तत्कालीन जोनल अधिकारी भी इस मामले में फंसते नजर आ रहे हैं। मामले की शिकायत पर महापौर सुनीता दयाल ने नगरायुक्त को 15 दिन में जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया है। तीन सदस्यीय कमेटी नगरायुक्त की देखरेख में जांच के लिए गठित की गई है।

महापौर सुनीता दयाल को नंदग्राम में रहने वाले एसपी शर्मा की ओर से एक शिकायत मिली थी। इसमें आरोप था कि वसुंधरा जोन के इंदिरापुरम में स्थित हैबीटेट सेंटर व शिवम मेडिकल इंस्टीट्यूट की फाइलों का निस्तारण तत्कालीन जोनल प्रभारी सुनील राय ने कर दिया। आरोप है कि सुनील राय ने तबादले के बाद रिलीविंग डेट के अगले दिन ऐसा किया है। रविवार के दिन दफ्तर खुला और सिस्टम में डाटा फीडिंग कराई गई। हालाँकि वसुंधरा जोन में संपत्तिकर निर्धारण को लेकर यह शिकायत नई नहीं है। पूर्व में भी यहां इस तरह के आरोप लगते रहे हैं। वजह है कि इस जोन में तमाम व्यवसायिक संपत्तियां हैं। इनके अलावा अस्पताल, बारातघर, स्कूल आदि भी इसी जोन में हैं। अधिकारी भी यहां के जोनल प्रभारी बनने को लालायित रहते हैं। बोर्ड की बैठकों में भी घोटालेबाजी के आरोप लगते रहे हैं। जबकि इस बार शिकायत के साथ साक्ष्य भी सामने आए हैं। हालांकि असल बात जांच में स्पश्ट हो सकेगी।

इतना था टैक्स
मेडिकल इंस्टीट्यूट की पत्रावली 4.32 करोड़ की थी। एक नामचीन स्कूल पर संपत्ति कर की 96.48 लाख की फाइल को और दूसरे स्कूल की दो फाइलों में 82 लाख की देनदारी को खत्म कर दिया गया। इनके अलावा वैशाली, कौशांबी, न्यायखंड, अंहिसाखंड इंदिरापुरम की 22 पत्रावलियों को रविवार के दिन वसुंधरा जोन के कंप्यूटर में एक साथ दर्ज किया गया। इन फाइलों में भी करोड़ों के घोटाले का आरोप है।

जांच शुरू, होगी प्रभावी कार्रवाई
महापौर सुनीता दयाल का कहना है कि उनके पास वसुंधरा जोन के बड़े बकायेदारों पर संपत्तिकर की करोड़ों की रकम खत्म कर निगम को नुकसान पहुंचाने की शिकायत पहुंची थी। शिकायत के साथ कुछ दस्तावेज भी मिले थे। शिकायत और दस्तावेज नगर आयुक्त के पास भेज दिए गए हैं और प्रकरण की गहनता से जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं। नगर निगम को आर्थिक नुकसान पहुंचाने की पुष्टि हुई तो रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

वरिश्ठ अधिकारी कर रहे जांच
नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने संपत्तिकर में घोटाले के आरोपों की जांच के लिए निगम के तीन वरिष्ठ अधिकारियों अपर नगरायुक्त अरुण कुमार यादव, मुख्य अभियंता एनके चौधरी और मुख्य नगर लेखा परीक्षक विवेक चौधरी को शामिल कर कमेटी गठित कर दी है। नगरायुक्त ने कमेटी को 15 दिन में जांच पूरी कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

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