बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में मुस्लिम युवती को हिंदू धर्म की परंपराएं लुभा गईं और उसने अपने हिंदू प्रेमी से शादी करने के साथ ही हिंदू धर्म भी अपना लिया है। इसी के साथ शबाना अब शिवानी बन गई है। नए नाम के साथ ही नई दुनिया बसाने वाली शिवानी अब बेहद खुश हैं।
फरीदपुर क्षेत्र थाना क्षेत्र के केरुआ गांव के रहने वाले अरविंद का प्रेम प्रसंग पड़ोसी गांव भगवंतापुर की रहने वाली शबाना से चल रहा था। अरविंद और शबाना के घर वालों को प्रेम प्रसंग का पता चला तो शबाना के घर वालों ने उसे पर बंदिशें से लगाना शुरू कर दीं। इसके बाद शबाना अपने घर से चली आई और मंगलवार को अरविंद संग वह मढ़ीनाथ स्थित अगस्त्य मुनि आश्रम में पंडित केके शंखधार के पास पहुंची। अरविंद के साथ विवाह की बात कही। केके शंखधार ने दोनों के विवाह की रस्म पूरी कराई। शबाना की नई पहचान शिवानी बन गई। उन्होंने कहा कि दोनों लोग बालिग हैं। मर्जी से विवाह किया। किसी की कोई जोर जबरदस्ती नहीं है।
तलाक-हलाला से मिली निजात
शबाना से शिवानी बनी युवती का कहना है कि वह आठ भाइयों के बीच इकलौती बहन है और उसकी मां का निधन हो चुका है। शबाना भगवान शिव की पूजा करती है और उसकी आस्था हिंदू धर्म में है। मुझे हलाला और तीन तलाक पसंद नहीं है। यदि पति ने तीन तलाक दे दिया तो फिर उसका हलाला किया जाता है। उसके बाद कोई इज्जत नहीं कहती। पंडित केके शंखधार के पूछने पर शिवानी उर्फ शबाना ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को बच्चे पैदा करने की मशीन समझा जाता है, मेरी मां ने भी यही किया।
मदरसे जाते वक्त हुई मुलाकात
शबाना और अरविंद के गांव में करीब एक किलोमीटर की दूरी है। शबाना अक्सर मदरसे में पढ़ाई करने जाती थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात अरविंद से हुई। अरविंद पेंटिंग का काम करता है। इसके बाद दोनों की नजदीकियां बढ़ती गई और दोनों ने सहमति से शादी कर ली।
परिजनों ने साधी खामोशी
शादी करने के बाद शबाना उर्फ शिवानी व उसके प्रेमी अरविंद को शबाना की घरवालों से अनहोनी की आसान का सता रही है। अरविंद ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है। ताकि वह सुरक्षित रह सके। हालांकि पूरे मामले में अभी तक अरविंद और शबाना के घर वालों की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
Discussion about this post