मेरठ। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश में वेस्ट यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग एक बार फिर से जोर पकड़ने लगी है। भाजपा सरकार के केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान ने कहा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश एक अलग प्रदेश बनना ही चाहिए और इस प्रदेश की राजधानी मेरठ बने।
केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान मुजफ्फरनगर सीट से सांसद हैं। मेरठ में आयोजित अंतरराष्ट्रीय जाट संसद में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को एक अलग राज्य बनना चाहिए और इसकी राजधानी मेरठ होगी। केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने रविवार को यहां आयोजित अंतरराष्ट्रीय जाट संसद में कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को एक अलग राज्य बनना चाहिए और इसकी राजधानी मेरठ होनी चाहिए। इस कार्यक्रम में संजीव बालियान सहित कई बड़ी हस्तियों ने शिरकत की। बालियान ने कहा पश्चिमी यूपी की आबादी 8 करोड़ है। बहुत से छोटे-छोटे प्रदेश हैं, जिस दिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश अलग राज्य बन जाएगा तो यह देश का सबसे अच्छा और समृद्ध प्रदेश होगा। इसकी राजधानी मेरठ को बनना चाहिए, मेरा तो ये पुराना सपना है।
संजीव बालियान ने आगे बोलते हुए कहा कि अपनी इस मांग को पार्टी हाईकमान तक पहुंचाएंगे, कहा कि अलग-अलग पार्टियों और नेताओं के अलग-अलग विचार हो सकते हैं और यह मेरा अपना विचार है कि पश्चिमी यूपी को एक अलग राज्य बनाया जाए। उन्होंने कहा कि मैं इस सपने को सच होने का इंतजार कर रहा हूं। छोटे राज्यों का विकास तेजी से होता है।
‘आरक्षण पर मजूबती से रखा था सरकार ने अपना पक्ष’
वहीं, जाट आरक्षण को लेकर संजीव बालयान ने कहा, ‘ये कहना कि आरक्षण को लेकर सही से पैरवी नहीं की गई, इस वजह से ये खत्म हो गया, पूरी तरह से गलत है। सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष पूरी मजबूती के साथ रखा था। आगे भविष्य में भी अगर कोई आरक्षण की बात करेगा तो मैं उसके साथ खड़ा मिलूंगा।’
कौन हैं संजीव बालयान?
भाजपा के दिग्गज नेता संजीव बालयान यूपी की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार चुनकर संसद पहुंचे हैं। 2014 में संजीव बालयान ने इस सीट पर बीएसपी के कादिर राणा को 4,01,150 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से हराया था। इसके बाद 2019 में इसी सीट पर उन्होंने आरएलडी नेता चौधरी अजीत सिंह को हराया था। हालांकि इस चुनाव में जीत का अंतर महज 6,526 था।
लंबे समय से रही पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग
पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग कई दशक पुरानी है। रालोद ने भी हरित प्रदेश नाम से अलग राज्य को लेकर लंबा आंदोलन चलाया था। लेकिन अभी तक कुछ नहीं हो सका। बसपा सुप्रीमो मायावती ने 2012 में उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों में बांटकर छोटे-छोटे राज्य बनाने का प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार के पास भेजा था, लेकिन इस प्रस्ताव पर कुछ नहीं हो सका है।