लखनऊ। यूपी की योगी सरकार ने निजी वाहन को रजिस्ट्रेशन को लेकर चल रहा नियम बदल दिया है। निजी वाहनों को रजिस्ट्रेशन की पत्रावलियां अब उनके मालिकों को ही रखने की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। इसके लिए वाहन मालिकों से शपथ पत्र भी लिया जाएगा। जब भी एआरटीओ दफ्तर से यह मांगा जाएगा प्रस्तुत करना होगा। प्रदेशभर में नई व्यवस्था तीन अक्टूबर से लागू हो जाएगी।
परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने इस संबंध में आरटीओ व एआरटीओ को आदेश जारी कर दिया है। प्रदेश में दोपहिया, चारपहिया या अन्य वाहन खरीदने पर डीलर प्वाइंट यानी वाहन विक्रेता के यहां वाहनों की पत्रावलियां सुरक्षित रखी जाती हैं। प्रदेश में हर दिन करीब डेढ़ से पौने दो लाख वाहनों का पंजीयन होता है। डीलर्स फेडरेशन ने सरकार से पत्रावलियां रखने की व्यवस्था बदलने का अनुरोध किया। परिवहन विभाग ने निर्णय लिया कि निजी वाहनों की पत्रावलियां वाहन स्वामी ही रखें। वहीं, कमर्शियल वाहनों की पत्रावलियां एआरटीओ कार्यालय में रखी जाएं। 2020 से मूल पत्रावली डीलर के पास रखी जा रही हैं। उनके संबंध में अलग से आदेश जारी होगा। निर्देश है कि सभी वाहन विक्रेताओं को आदेश जारी किया जाए कि वे रखी पत्रावलियां सुरक्षित रखें।
निजी वाहनों के पंजीयन के समय उनके भौतिक निरीक्षण की जरूरत नहीं होती। उनका डीलर प्वाइंट पर पंजीकरण हो रहा है। ऐसे वाहनों के सभी अभिलेख डीलर डिजिटल साइन से वाहन पोर्टल पर अपलोड कर रहे हैं। डीलर को वाहन स्वामी से सौ रुपये के स्टांप पर शपथपत्र अनिवार्य रूप से लेना होगा।
डीलर शपथपत्र को भी पोर्टल पर अपलोड करके मूलप्रति एआरटीओ कार्यालय भेजेगा। वाहन स्वामी को रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र के साथ मूल पत्रावली भी उपलब्ध कराई जाएगी। डीलर वाहन स्वामी को पत्रावली प्राप्ति प्रमाणपत्र भी देगा। हालांकि वाणिज्यिक वाहनों यानी कमर्शियल गाड़ियों की पत्रावलियां एआरटीओ कार्यालय को सहेजना होगा।