नई दिल्ली। संसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) पास हो गया। पर्ची से हुई वोटिंग में बिल के समर्थन में 454 और विरोध में 2 वोट डले। आज (गुरुवार को) यह बिल राज्यसभा में पेश होगा। वहां से पास होने के बाद राष्ट्रपति के पास स्वीकृति के लिए जाएगा। राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा।
महिला आरक्षण बिल पर वोटिंग से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देशभर में दिया। उन्होंने कहा कि गुजरात में उन्होंने जागरूकता पैदा की. इससे लिंगानुपात में सुधार हुआ था। अमित शाह ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाई का फायदा ये हुआ कि एक ओर लिंगानुपात में सुधार हुआ, दूसरा गुजरात में प्राइमरी एजुकेशन में 37 फीसदी ड्ऱॉपआउट रेशो था, लेकिन जब मोदीजी प्रधानमंत्री बने तो ये ड्रॉपआउट रेशो घटकर 0.7 फीसदी रह गया। शाह ने कहा, “ये हमारे लिए राजनीति नहीं, मान्यता और संस्कृति का मुद्दा है। महिला सशक्तीकरण संविधान संसोधन से जुड़ा नहीं है, बल्कि ये महिलाओं के लिए सुरक्षा, सम्मान और सहभागिता का मामला है। मोदीजी ने जिस दिन पीएम पद की शपथ ली, ये संकल्प लिया। ये सरकार का संकल्प है, जिसे पूरा किया गया।” गृहमंत्री ने इसके साथ बिल को पास कराने के लिए सहयोग मांगा।
शाह से पहले राहुल गांधी ने कहा कि मैं महिला आरक्षण बिल के समर्थन में हूं, लेकिन ये अधूरा है। जब सांसदों को पुरानी संसद से नई संसद में ले जाया जा रहा था तो राष्ट्रपति को मौजूद होना चाहिए था। हमारे इंस्टीट्यूशंस में OBC की भागीदारी कितनी है, मैंने इसकी रिसर्च की। सरकार चलाने वाले जो 90 सेक्रेटरी हैं, उनमें से तीन सिर्फ 3 ही OBC से हैं। इसे जल्दी से जल्दी बदलिए। ये OBC समाज का अपमान हैं।
राहुल के बोलने के दौरान सांसदों ने हंगामा किया तो वे बोले- डरो नहीं। देश की आजादी की लड़ाई महिलाओं ने भी लड़ी थी। महिला आरक्षण बिल पर बिल्कुल भी देरी नहीं करना चाहिए और इसे आज से ही लागू कर देना चाहिए। ओम बिड़ला ने इस दौरान उन्हें टोकते हुए कहा- मैं राहुल गांधी से अपील करता हूं कि सदन में सभी सदस्य बराबर हैं। इसलिए उन्हें ‘डरो मत डरो मत नहीं कहें।
लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का प्रावधान
इस विधेयक में लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है। 21 सितंबर, 2023 यानी गुरुवार को यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि 2010 में एक महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा से पास हो चुका था, जो खत्म हो गया। क्योंकि, उसे तत्कालीन यूपीए सरकार में शामिल सहयोगी दलों सपा और राजद के भारी विरोध के चलते लोकसभा से पास नहीं कराया जा सका था।