लैंड फॉर जॉब स्कैम: CBI को लालू यादव के खिलाफ केस चलाने की गृह मंत्रालय से मिली अनुमति

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पटना। लैंड फॉर जॉब मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीबीआई को केस चलाने की मंजूरी दे दी है। कोर्ट में सीबीआई ने यह जानकारी दी है। मामले की अगली सुनवाई 21 सितंबर को होगी।

जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट को सूचित किया कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कथित लैंड फॉर जॉब घोटाले में जो ताजा चार्जशीट दाखिल की गई है, उस संबंध में गृह मंत्रालय से मंजूरी प्राप्त कर ली गई है। सीबीआई के मुताबिक तीन रेलवे अधिकारियों के खिलाफ केस चलाने की अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। जांच एजेंसी का कहना है कि एक हफ्ते के भीतर अन्य आरोपियों के खिलाफ भी मंजूरी मिलने की उम्मीद है। कोर्ट ने फिलहाल मामले की अगली सुनवाई 21 सितंबर तय की है।

सीबीआई ने अप्रैल में 8 घंटे तक की थी पूछताछ
लैंड फॉर जॉब्स केस में सीबीआई ने तेजस्वी यादव से दिल्ली में 11 अप्रैल को 8 घंटे पूछताछ की थी। सीबीआई ने तेजस्वी से दो शिफ्ट में करीब आठ घंटे तक अलग-अलग सवालों के जवाब पूछे थे। तेजस्वी सीबीआई के समन को रद्द कराने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट भी पहुंचे थे। कोर्ट ने डिप्टी CM की सीबीआई के समन को रद्द कराने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। तब सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि था कि फिलहाल तेजस्वी यादव को गिरफ्तार नहीं करना है। इस दौरान सीबीआई ने तेजस्वी यादव से कुछ दस्तावेज दिखाकर उसकी पुष्टि भी की थी। तब पूछताछ के बाद तेजस्वी ने कहा था कि जब भी जांच हुई है, हमने सहयोग किया है और जो सवाल किए गए, उसके हमने जवाब दिए।

बता दें कि यह कथित घोटाला 2004 से 2009 के बीच का है जब लालू यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में कई पदों पर नियमों की अनदेखी करके लोगों को नौकरी दी गई थी। इसकी एवज में बहुत कम दाम में बेशकीमती जमीनें पटना, दिल्ली, मुंबई समेत अन्य शहरों में लालू परिवार के सदस्यों के नाम कराई गई थीं। सीबीआई ने नई चार्जशीट में लालू के बेटे एवं बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया है। इसके अलावा पूर्व सीएम राबड़ी देवी, राज्यसभा सांसद मीसा भारती एवं लालू परिवार के अन्य सदस्य और करीबी भी शामिल हैं।

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