नई दिल्ली। एक देश एक चुनाव को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर दिया गया है। कमेटी में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को भी जगह दी गई थी लेकिन उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया। अब सरकार के सूत्रों की तरफ से बताया जा रहा है कि अधीर रंजन ने पहले खुद ही कमेटी का हिस्सा बनने पर अपनी हामी दी थी।
अधीर रंजन चौधरी की तरफ से गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा गया था। उस पत्र के जरिए उन्होंने एक देश एक चुनाव वाली कमेटी से अपना नाम वापस ले लिया था। उनकी तरफ से कहा गया था कि उन्हें ये सब एक बड़ा झूठ और धोखा लग रहा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया था कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को उस लिस्ट में शामिल ना करना उनका अपमान है।कांग्रेस नेता ने पत्र में कहा, ”मुझे उस कमेटी में काम करने से इनकार करने में कोई झिझक नहीं है, जिसके संदर्भ की शर्तें उसके निष्कर्षों की गारंटी देने के लिए तैयार की गई हैं। मुझे डर है कि यह पूरी तरह से धोखा है। इसके अलावा, आम चुनाव से कुछ महीने पहले संवैधानिक रूप से संदिग्ध, अव्यवहार्य और तार्किक रूप से लागू नहीं करने योग्य विचार को राष्ट्र पर थोपने का अचानक प्रयास सरकार के गुप्त उद्देश्यों के बारे में गंभीर चिंता पैदा करता है।”
वहीं सरकार का कहना है कि अधीर रंजन चौधरी को जब कमेटी का हिस्सा बनाने की बात हुई थी, तब उनसे मंजूरी ली गई थी। जब उनकी तरफ से हां बोल दिया गया उसके बाद ही लिस्ट को सार्वजनिक किया गया। अब इ दावों पर कांग्रेस नेता अपनी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उनकी तरफ से अभी तक किसी भी तरह की सफाई पेश नहीं की गई है।
बता दें कि अमित शाह के साथ इस कमेटी में अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आज़ाद, एनके सिंह, सुभाष कश्यप, हरीश साल्वे को शामिल किया गया है। संजय कोठारी को भी इस महत्वपूर्ण कमेटी का एक हिस्सा बनाया गया है। अब ये सभी एक देश एक चुनाव वाली प्रक्रिया पर मंथन करने वाले हैं, रामनाथ कोविंद की अगुवाई में इनकी तरफ से एक रूपरेखा तैयार की जाएगी, तमाम पहलुओं पर चर्चा भी देखने को मिल जाएगी।
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