दिनदहाड़े चेंबर में वकील की हत्या, बहन बोली- मेरे पति और देवर ने मारा

गाजियाबाद। सिहानी गेट थाना क्षेत्र के तहसील सदर परिसर में बुधवार दोपहर अधिवक्ता की गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या का आरोप मृतक के जीजा और उसके भाई पर है, पुलिस दोनों आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।

मूलरूप से मथुरा के रहने वाले अधिवक्ता मनोज चौधरी उर्फ मोनू वर्तमान में गोविंदपुरम जे-ब्लॉक में रहते थे। वह वर्ष 2008 से तहसील सदर में प्रैक्टिस कर रहे हैं। परिवार में चार बहन सरिता, सपना, कल्पना व ज्योति और पत्नी कविता दो बच्चे आरव व कनक हैं। पिता रनजीत सिंह उत्तर प्रदेश पुलिस से उपनिरीक्षक के पद से सेवानिवृत थे और उनकी आठ वर्ष पूर्व मौत हो चुकी है। बुधवार दोपहर करीब 2 बजे मनोज चौधरी (35) चैंबर नंबर-95 में खाना खा रहे थे। उनके साथ तीन अन्य लोग भी बैठे थे। तभी 2 अज्ञात युवक चैंबर में घुस आए। जब तक कोई कुछ समझ पाता, उन्होंने मनोज चौधरी की कनपटी पर गोली मारी और भाग गए।

वारदात के बाद चैंबर में बैठे लोग चीखते हुए बाहर की ओर भागे। वहीं, गोली की आवाज सुनकर भगदड़ मच गई। घटना का पता चलने पर एडिशनल पुलिस कमिश्नर दिनेश कुमार पी, DCP निपुण अग्रवाल कई थानों की फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद वकील का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। इस मामले में मृतक वकील मोनू चौधरी की बहन सरिता ने अपने पति और देवर पर हत्या का आरोप लगाया है। इन दोनों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई है। सरिता की शादी चिरंजीव विहार के रहने वाले अमित डागर से हुई थी। आरोप है कि अमित शराब पीने का आदी है और आए दिन नशे में उनके साथ मारपीट करता था। इसके चलते वह 24 जून को ससुराल छोड़कर मायके आकर रहने लगी थी। इसके बाद से अमित व उसका छोटा भाई नितिन आए दिन साले मनोज को जान से मारने की धमकी देते थे।

मुझे मार देता, भाभी का सुहाग क्यों उजाड़ा
सरिता ने बताया कि जनवरी माह में अमित डागर ने उन पर और उनके बेटे पर गोली चलाई तो वह मायके में आकर रहने लगी। जेल से छूटने के बाद अमित डागर उन पर घर आने का दबाव डालने लगा। बात न मानने पर अंजाम भुगतने की धमकी दे रहा था। अगर उसे बदला लेना ही था तो मुझे मार देता। मेरी भाभी का घर क्यों उजाड़ा।

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