कोलकाता। टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी को सुप्रीम की ओर से झटका लगा है। न्यायालय ने शिक्षक भर्ती घोटाले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) जांच में टीएमसी सांसद को अंतरिम राहत देने से कलकत्ता उच्च न्यायालय के इनकार को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका सोमवार को खारिज कर दी है।
ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी से भर्ती अनियमितता मामले में सीबीआई और ईडी पूछताछ करना चाहती है। इसके खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार हाई कोर्ट गई थी, लेकिन वहां अंतरिम राहत नहीं मिली थी। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वहीं पिछले महीने ED ने कलकत्ता हाईकोर्ट को बताया था कि वह अपनी चल रही जांच के संबंध में 31 जुलाई तक अभिषेक बनर्जी के खिलाफ गिरफ्तारी सहित कोई कार्रवाई शुरूनहीं करेगी।
क्या है मामला?
CBI और ED पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितताओं में अभिषेक बनर्जी की कथित भूमिका की जांच कर रहे हैं। भर्ती घोटाला 2016 में बंगाल की शैक्षिक प्रणाली में हजारों शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़ा है। बंगाल के शिक्षा मंत्री रहे पार्थ चटर्जी बंगाल के समय में पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमिशन (SSC) ने पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली थी। इस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायतें कोलकाता हाईकोर्ट में दाखिल की गई।
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि जिन उम्मीदवारों के नंबर कम थे, उन्हें भी मेरिट लिस्ट में ऊपर स्थान मिला है। इस मामले में अब तक पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी हो चुकी है। जबकि अभिषेक बनर्जी से CBI और ED पूछताछ करना चाहती है। इसे लेकर ममता सरकार ने पहले हाईकोर्ट का रुख किया था और अब सुप्रीम कोर्ट का भी रुख किया था। लेकिन दोनों अदालतों ने उनकी मांग को खारिज कर दिया है।
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