मॉस्को। रूस के चंद्रमा मिशन को बड़ा झटका लगा है। सोमवार को चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग की तैयारी में लगा इसका स्पेसक्राफ्ट लूना-25 क्रैश हो गया है। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने इसकी पुष्टि कर दी है।
रोस्कोस्मोस ने कहा है कि लूना 25 मिशन की शुरुआती जांच से पता चलता है कि मैनुवर के समय वास्तविक और अनुमानित गणना में विचलन हुआ था। इस वजह से स्पेसक्राफ्ट एक ऐसी कक्षा में चला गया जिसकी अपेक्षा ही नहीं की गई थी। इस वजह से चांद के साथ यह टकराया और क्रैश हो गया। एजेंसी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ’19 अगस्त को, लूना-25 उड़ान कार्यक्रम के अनुसार, इसकी प्री-लैंडिंग अण्डाकार कक्षा बनाने के लिए इसे गति प्रदान की गई थी। स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब दो बजकर 57 मिनट पर लूना-25 का कम्युनिकेशन सिस्टम ब्लॉक हो गया था। इस वजह से कोई भी संपर्क कायम नहीं हो पाया।’
47 साल बाद रूस ने लॉन्च किया था मून मिशन
रूस ने 1976 के सोवियत काल के बाद पहली बार इस महीने की शुरुआत में अपना चंद्र मिशन भेजा था। लूना-25 का भार 1,750 किलोग्राम था। चंद्रयान-3 की तुलना में कम वजन के चलते लूना-25 ईंधन भंडारण क्षमता और ईंधन दक्षता से जुड़ी चिंताओं को दूर करता है, जिसकी वजह से यह सीधे चांद की ओर बढ़ सका, जबकि भारत का चंद्रयान-3 ने चंद्रमा तक पहुंचने के लिए घुमावदार रास्ते को चुना। लूना-25 का क्रैश होना रूस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
चांद की रेस हार गया रूस
रूस से पहले भारत ने पिछले महीने 14 जुलाई को अपना तीसरा चंद्र मिशन चंद्रयान-3 भेजा था। यह पृथ्वी और चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगाते हुए चांद की सतह के करीब पहुंच चुका है। चार साल पहले साल 2019 में भी भारत ने चंद्रयान-2 लॉन्च किया था, लेकिन सतह पर लैंडिंग से ठीक पहले मिशन सफल नहीं हो सका था। इस बार इसरो के वैज्ञानिकों ने तीसरे मिशन को सक्सेसफुल बनाने के लिए दिन-रात एक कर दिए हैं। उधर, 10 अगस्त को रूसी स्पेस एजेंसी रोसकॉसमॉस ने भी अपना चांद मिशन लूना-25 भेज दिया। चंद्रयान-3 के बाद में भेजे जाने के बावजूद भी इसकी लैंडिंग पहले होनी थी। जहां भारत का चंद्रयान-3 23 अगस्त को शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा, वहीं संभावना थी कि लूना-25 सोमवार को लैंड कर सकता है। लेकिन शनिवार को अचानक आई गड़बड़ी के बाद रविवार को चांद की सतह से टकराने के बाद लूना-25 चंद्रयान-3 से रेस हार गया।