‘पढ़े-लिखे इंसान को वोट’ देने की अपील करने पर टीचर बर्खास्त, Unacademy ने बताई वजह

नई दिल्ली। पढ़े-लिखे उम्मीदवारों को वोट देने के लिए कहकर चर्चा में आए टीचर करण सांगवान को एडटेक प्लेटफॉर्म अनएकेडमी ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। टीचर ने छात्रों से शिक्षित उम्मीदवारों के लिए वोट करने की अपील की थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया काफी वायरल हुआ था। अब कंपनी के सह-संस्थापक रोमन सैनी सफाई देने सामने आए हैं।

कंपनी के सह-संस्थापक रोमन सैनी ने कहा कि करण सांगवान को “नियमों के उल्लंघन” के कारण निकाल दिया गया था, क्योंकि कक्षा व्यक्तिगत राय साझा करने की जगह नहीं थी। उन्होंने कहा कि हम एक शिक्षा मंच हैं जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसा करने के लिए हमने अपने सभी शिक्षकों के लिए एक सख्त आचार संहिता लागू की है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे शिक्षार्थियों को निष्पक्ष ज्ञान प्राप्त हो।

टीचर को हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा
सैनी ने आगे कहा कि उन्हें टीचर को हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि हम जो कुछ भी करते हैं उसके केंद्र में हमारे छात्र होते हैं। कक्षा व्यक्तिगत राय और विचार साझा करने की जगह नहीं है क्योंकि वे उन्हें गलत तरीके से प्रभावित कर सकते हैं।

करन सांगवावन ने वीडियो में कहा क्या था?
करन सांगवान के बारे में जानने से पहले उससे जुड़े विवाद के बारे में जानना जरूरी है। आखिर कैसे एक बयान ने सोशल मीडिया से लेकर हर जगह सुर्खियां बटोर ली। रोज की तरह करन सांगवान Unacedmy के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर छात्रों की क्लास ले रहे थे। क्लास के दौरान सांगवान ने अपील करते हुए कहा कि याद रखें कि जब भी आप अगली बार वोट करने जाएं तो एक पढ़े-लिखे व्यक्ति को चुनें। उसे चुनें जो आपकी चीजों को समझता हो। सिर्फ ऐसे इंसान को न चुनें जिनको सिर्फ नाम बदलना आता हो। अपना फैसला ठीक से लें। वीडियो का यह हिस्सा तेजी से वायरल हो गया। एक वर्ग करन की इस बात पर Unacedmy का विरोध करने लगा। करन सांगवान पर सवाल उठाने लगा। दवाब बढ़ता देख Unacedmy ने करन सांगवान को अपने यहां से निकाल दिया।

कौन हैं करन सांगवान?
करन सांगवान के बारे में बात करें तो उन्होंने क्रिमिनल लॉ में मास्टर्स किया हुआ है। अनुभव की बात करें तो करन को 7 साल का टीचिंग एक्सपीरियंस है। उन्होंने हिमाचल लॉ विश्वविद्यालय से भी पढ़ाई की है। करन सांगवान साल 2020 से Unacedmy में पढ़ा रहे थे। इसके अलावा करन लीगल पाठशाला के फाउंडर भी हैं। उनका अपना भी एक यूट्यूब चैनल है। करन ने अपने बयान पर बढ़ते विवाद पर 19 अगस्त यानि शनिवार को विस्तार में बात करने की बात कही है।

करन के समर्थन में आए ये नेता
करन के Unacademy से निकलते ही उन्हें विपक्षी नेताओं का समर्थन भी मिलना शुरू हो गया है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि क्या पढ़े लिखे लोगों को वोट देने की अपील करना अपराध है? यदि कोई अनपढ़ है, व्यक्तिगत तौर पर मैं उसका सम्मान करता हूँ। लेकिन जनप्रतिनिधि अनपढ़ नहीं हो सकते। ये साइंस और टेक्नोलॉजी का ज़माना है। 21वीं सदी के आधुनिक भारत का निर्माण अनपढ़ जनप्रतिनिधि कभी नहीं कर सकते। हरियाणा के कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने करन को निकाले जाने का विरोध करते हुए कहा कि पढ़े लिखे नेताओं को वोट करने की अपील भर करने के कारण हिसार के अध्यापक करन सांगवान को Unacademy ने नौकरी से निकाल दिया। ना सरकार समय से भर्ती करती, ना कोई रोजगार की व्यवस्था। कोई सवाल उठाये तो इस तरह दबाव बनाकर प्रताड़ित किया जाता है। दुर्भाग्य की बात है कि देश में शिक्षकों को ये अपमान झेलना पड़ रहा है।

कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने अनएकेडमी के को फाउंडर रोमन सैनी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग दबाव में डरते हैं और धमकाते हैं, वे कभी भी उन नागरिकों की मदद नहीं कर सकते जो इस दुनिया का सामना करने के लिए सभी बाधाओं के खिलाफ खड़े होते हैं। श्रीनेत ने कहा कि ऐसे रीढ़विहीन और कमजोर लोगों को एक शिक्षा मंच चलाते हुए देखकर दुख होता है। उन्होंने अपने ट्वीट में रोमन सैनी के साथ पीएम मोदी की एक तस्वीर भी साझा की है। उद्धव गुट की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि क्या यह राय युवा मस्तिष्कों को सकारात्मक रूप से प्रभावित नहीं करती है? शर्म आती है अनएकेडमी अगर केवल इस दृष्टिकोण को व्यक्त करने से आप किसी की नौकरी ले लेते हैं। उन्होंने कहा कि समझ में नहीं आता कि हर किसी को यह क्यों लग रहा है कि करन सांगवान की टिप्पणी मिस्टर सुप्रीम के बारे में थी?

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