वृंदावन हादसा: जर्जर और अवैध भवनों को ध्वस्त करने के आदेश, बिल्डिंग के मालिक पर केस दर्ज

मथुरा। यूपी के मथुरा के वृंदावन में 15 अगस्त की शाम को जर्जर मकान ढहने से पांच लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद प्रशासन ने जर्जर और अवैध रूप से बने भवनों को ध्वस्त करने का आदेश दिया है। साथ ही बांके बिहारी मंदिर के पास गिरी इमारत के मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

नगर निगम के कनिष्ठ अभियंता योगेन्द्र सिंह ने विष्णु शर्मा के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करायी है। शर्मा ने कहा कि जर्जर इमारतों को पहले भी नोटिस जारी किए गए थे लेकिन मालिकों ने आदेशों का पालन नहीं किया। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को यहां बांके बिहारी मंदिर के पास एक पुरानी इमारत का कुछ हिस्सा श्रद्धालुओं पर गिरने से पांच लोगों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। घटना मंगलवार शाम को हुई थी। पुलिस ने कहा कि बालकनी का एक बड़ा हिस्सा पहले घर के पास से गुजर रहे श्रद्धालुओं पर गिर गया और जब मलबे में फंसे लोगों को बचाने का काम चल रहा था, तो इमारत की एक दीवार भी ढह गई।

डीएम पुलकित खरे ने बताया कि वृंदावन में गिरासू मकानों का सर्वे करने के लिए समिति गठित की है, जिसमें अपर नगर आयुक्त क्रांतिशेखर सिंह, डिप्टी कलेक्टर रितु सिरोही, डिप्टी कलेक्टर राजकुमार भास्कर, विशेष कार्याधिकारी एमवीडीए प्रसून द्विवेदी, मुख्य अभियंता नगर निगम मथुरा-वृन्दावन एके सिंह, मुख्य अभियन्ता मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण मनोज मिश्रा को जिम्मेदारी सौंपी गई है। समिति वृंदावन के वार्ड 67 कैमारवन, वार्ड 69 रतन छतरी व वार्ड 70 बिहारीपुर के प्रमुख मार्गों पर स्थित भवनों का सर्वे करेगी। साथ ही यह भी देखेगी कि वार्ड संख्या 67, 69 व 70 में वर्ष 2009 से पूर्व निर्मित भवन नियमानुसार बने है या नहीं।

उन्होंने कहा कि निरीक्षण में पता चला है कि इन भवन स्वामियों द्वारा मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है। जिन लोगों को ध्वस्तीकरण के आदेश पूर्व में जारी हो चुके हैं और समयावधि पूर्ण हो चुकी है। उन पर तत्काल कार्रवाई करें।

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