लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राजभवन के गेट नंबर 13 पर एक गर्भवती महिला ने बच्चे को जन्म दिया। जन्म के कुछ ही देर बाद नवजात की तबीतय बिगड़ गई। जब तक परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे उसके पहले ही बच्चे ने दम तोड़ दिया। घटना की जानकारी होने पर ब्रजेश पाठक अपनी पत्नी के साथ अस्पताल पहुंचे। ब्रजेश पाठक ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक अपनी पत्नी के साथ नवजात के पिता ब्रजेश के साथ बैकुंठ धाम गए। वहां उन्होंने शव को दफनाया।
माल एवेन्यु निवासी ब्रजेश की पत्नी रूपा 30 साढ़े चार माह की गर्भवती थी। रविवार सुबह करीब आठ बजे गर्भवती को पेट में दर्द उठा। पति ब्रजेश उसे सिविल अस्पताल लेकर आया। वहां पर इमरजेंसी में डॉक्टरों ने महिला को दर्द से राहत देने के लिए इंजेक्शन लगाया और दवा दी। कुछ देर वहां पर भर्ती रहने बाद उसे घर जाने की सलाह दी गई। सुबह करीब 11:45 वह रिक्शे से अपनी भाभी रीता संग घर जा रही थी। पति दूसरे साधन से पीछे से आ रहा था। तभी राजभवन के गेट नंबर 13 पास गर्भवती को रक्तस्त्राव शुरू हो गया। भाभी ने उसे रिक्शे उतारकर रोड किनारे बिठाया।
इस दौरान वहां पर भीड़ जुट गई। पति को इसकी जानकारी मिली तो वह भी मौके पर आ गया। परिजनों ने परिचित को फोन करके वहां पर बुलाया। परिचित अपने संग लाए साड़ियों का प्रयोग करके गोपनीयता बनाई। कुछ ही देर बाद रूपा ने समय से पहले बच्चे को जन्म दे दिया। इसी बीच कई अन्य महिलाएं भी आ गई। उनके जरिए साड़ियां मंगाकर उसे कवर किया। लोगों ने जच्चा-बच्चा को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस पर कॉल किया। करीब आधे घंटे बाद एंबुलेंस मौके पर आई। जच्चा-बच्चा को अस्पताल ले जाया गया। वहां पर बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया।
राजभवन के सामने सड़क पर जहां महिला का प्रसव कराया गया, उसके पास ही राजभवन कॉलोनी में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक का सरकारी आवास है। घटना की जानकारी होने पर ब्रजेश पाठक अपनी पत्नी के साथ अस्पताल पहुंचे। ब्रजेश पाठक ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अब जांच करेंगे कि एंबुलेंस मौके पर क्यों नहीं पहुंची और सिविल अस्पताल में महिला को ठीक इलाज मिला या नहीं। ब्रजेश पाठक शिशु के पिता को बैकुंठ धाम ले गए और वहां नवजात का अंतिम संस्कार कराया।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया, “महिला साढ़े चार महीने की गर्भवती थी। वह दर्द से तड़प रही थी और उसने रिक्शे पर प्रीमैच्योर बेबी को जन्म दिया। हम सभी चिकित्सा सहायता प्रदान कर रहे हैं। हमने एम्बुलेंस के समय पर नहीं आने के मामले की जांच के आदेश दिए हैं। अगर लापरवाही हुई तो किसी को बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने बताया कि मां की हालत स्थिर है और उनका इलाज चल रहा है। रिपोर्ट मिलते ही कार्रवाई की जाएगी।
वहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव ने राजधानी में हुई इस घटना पर जोरदार हमला बोल दिया है। अखिलेश ने मामले से जुड़ा वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि एक तो उप्र की राजधानी लखनऊ, उस पर राजभवन के सामने, फिर भी एंबुलेंस के न पहुंचने की वजह से एक गर्भवती महिला को सड़क पर शिशु को जन्म देना पड़ा। अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री जी इस पर कुछ बोलना चाहेंगे या कहेंगे हमारी भाजपाई राजनीति के लिए बुलडोज़र ज़रूरी है, जनता के लिए एंबुलेंस नहीं। वहीं सपा महासचिव शिवपाल यादव ने कहा कि सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था अपने लाख विज्ञापनों व दावों के बावजूद वेंटिलेटर पर है। एम्बुलेंस न मिलने पर रिक्शे से अस्पताल जा रही गर्भवती महिला को राज भवन के पास सड़क पर प्रसव के लिए मजबूर होना पड़े तो यह पूरी व्यवस्था के लिए शर्मनाक व सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था की असल हकीकत है।