नई दिल्ली। देश की संसद में एक बार फिर कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार की आवाज गूंजी है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार का मुद्दा सदन में उठाया। उन्होंने गिरिजा कुमारी टिक्कू के साथ हुए अन्याय का जिक्र किया है।
राहुल गांधी का भाषण खत्म होने के बाद केंद्रीय मंत्री और सांसद स्मृति ईरानी अपनी प्रतिक्रिया दी। ईरानी ने राहुल गांधी द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार का मुद्दा सदन में उठाया। स्मृति ईरानी ने कहा ,”गिरिजा टिक्कू के जीवन पर जब एक फिल्म बनाई गई तो कांग्रेस के कुछ प्रवक्ताओं ने उसे प्रोपेगेंडा बताया। वो नहीं चाहते कि कश्मीरी पंडितों की दास्तान कहीं सुनाई जाए। गिरिजा टिक्कू और सरला भट्ट को इंसाफ कब मिलेगा? क्या कश्मीरी पंडितों की आवाज भारत की आवाज नहीं है?”
कौन थीं गिरिजा टिक्कू?
गिरिजा टिक्कू मूल रूप से कश्मीर के बारामुला जिले की रहने वाली थीं और उनकी शादी बांदीपुरा में हुई थी। टिक्कू, श्रीनगर की एक यूनिवर्सिटी में लाइब्रेरियन थीं। 1989 के आखिर में जब घाटी में कश्मीरी हिन्दुओ को चुन-चुनकर मारा जाने लगा तो गिरिजा टिक्कू के परिवार ने अपना घर छोड़ दिया और जम्मू के शरणार्थी कैम्प में चले गए। टिक्कू का कुछ वेतन बकाया रह गया था।
आरी से दो टुकड़ों में काट दिया था
इसी दौरान जून में उन्हें किसी ने खबर दी कि घाटी में हालात थोड़ा सुधर गए हैं और वह अपनी बकाया सैलरी लेने आ सकती हैं। टिक्कू जम्मू से कश्मीर के लिए निकलीं। जब लौटने लगीं तो आतंकियों ने बस से सरेआम उनका अपहरण कर लिया और गैंगरेप किया। 5 आरोपियों में एक टिक्कू का पुराना सहकर्मी भी था। गैंगरेप के बाद आतंकियों ने गिरिजा टिक्कू को आरा मशीन से जिंदा दो टुकड़ों में काट दिया था। आतंकी इससे कई संदेश देना चाहते थे और कश्मीरी हिंदुओं के बीच डर बैठाना चाहते थे।
गिरिजा टिक्कू अपने पीछे अपनी बूढ़ी मां, पति और दो छोटे बच्चों को छोड़ गईं। एक लंबा अरसा बीत जाने के बाद हाल ही में विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ में इस दर्द को बयां किया गया है। गिरिजा टिक्कू का परिवार अमेरिका में है। कई वर्षों से इस बारे में किसी ने बात नहीं की थी लेकिन फिल्म देखकर गिरिजा टिक्कू का पूरा परिवार खूब रोया। इस फिल्म को देखने के बाद गिरिजा देवी की भतीजी ने एक पोस्ट शेयर किया और लिखा कि उनके परिवार को अभी भी न्याय का इंतजार है।