गाजियाबाद। यूपी में आजमगढ़ के एक स्कूल में छात्रा की संदिग्ध मौत का मामला गरमाया हुआ है। एक ओर छात्रा के परिजनों स्कूल के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं दूसरी ओर इस मामले में प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूल लामबंद हो गए हैं। इसी क्रम में आज मंगलवार को गाजियाबाद के सभी प्राइवेट स्कूल बंद रहेंगे।
इंडिपेंडेंट स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया की गाजियाबाद शाखा के अध्यक्ष डॉ. सुभाष जैन ने बताया कि आजमगढ़ के स्कूल में छात्रा के फोन लाने पर प्रधानाचार्य ने टोका तो उसने विद्यालय की बिल्डिंग से कूदकर अपनी जान दे दी। छात्रा के अभिभावकों की शिकायत पर पुलिस ने बिना जांच के ही स्कूल की प्रधानाचार्य और शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया। सभी स्कूल सदस्यों की सहानुभूति छात्रा के परिजनों के साथ है मगर बिना निष्पक्ष जांच के प्रधानाचार्य और शिक्षक को गिरफ्तार किए जाने से उनमें रोष भी है। इस प्रकार की घटनाओं से यह स्थिति हो गई है कि स्कूल संचालक और शिक्षक छात्र-छात्राओं को कुछ भी कहने से डरने लगे हैं।
वहीं सचिव गुलशन कुमार भाम्बरी ने कहा, स्कूल में बच्चों को नैतिकता एवं बड़े लोगों का सम्मान करने की शिक्षा दी जाती है। लेकिन वर्तमान में नैतिक मूल्यों का पतन हो रहा है। शिक्षकों को सम्मान देना बंद कर दिया गया है। आज कोई भी शिक्षक अपने स्टूडेंट्स को कुछ भी कहने से डरता है। इस प्रकार की घटनाओं से शिक्षकों में डर का माहौल है।
यह है पूरा मामला
31 जुलाई को आजमगढ़ के चिल्ड्रेन गर्ल्स स्कूल में छात्रा श्रेया तिवारी की संदिग्धावस्था में विद्यालय की तीसरी मंजिल से गिर जाने से मौत हो गई थी। आरोप है कि छात्रा की मौत के बाद कई घंटों तक परिजवारी को सूचना नहीं दी गई। सूचना देने के पहले स्कूल में उस स्थान को पानी आदि डाल कर साफ करा दिया गया, जहां गिरकर छात्रा की मौत हुई थी। दरअसल चिल्ड्रेन गर्ल्स कॉलेज में छात्राओं का मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित है। 28 जुलाई को श्रेया के बैग से मोबाइल मिलने पर उससे पूछताछ हुई। फिर 31 जुलाई को श्रेया से इस बाबत पूछताछ हुई। आरोप है कि उसे प्रिंसिपल सोनम प्रणव मिश्रा और क्लास टीचर अभिषेक राय ने न सिर्फ खड़ा कराए रखा बल्कि जमकर प्रताड़ित भी किया।
इससे आजिज आकर श्रेया ने विद्यालय की तीसरी मंजिल से कूदकर जान दे दी। इस मामले में मृत छात्रा के पिता द्वारा लगाए गए आरोप की जांच के बाद पुलिस ने हत्या की धारा बदलकर आत्महत्या के लिए उत्प्रेरित करने का मामला दर्ज किया। जांच में प्रिंसिपल व शिक्षक को पुलिस ने जिम्मेदार ठहराते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। न्यायालय ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।