ज्ञानवापी का तहखाना खुला, मूर्ति-त्रिशूल के अलावा दीवारों पर कमल के निशान का दावा

वाराणसी। एएसआई टीम लगातार दूसरे दिन ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कर रही है। शनिवार को मुस्लिम पक्ष के सहयोग और ताला खोलने के बाद टीम मस्जिद और तहखाने में भी दाखिल हुई है। हिन्‍दू पक्ष ने दावा किया है कि तहखाने में मंदिर से सम्‍बन्धित कई प्रतीक चिह्न मिले हैं।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ज्ञानवापी के दूसरे दिन का सर्वे शुरू कर दिया है। टीम सुबह करीब आठ बजे ज्ञानवापी पहुंची। सर्वे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है। पहले दिन के सर्वे में सात घंटे से ज्यादा समय तक परिसर की आकृति तैयार की है। माप-जोख भी की गई। मां शृंगार गौरी मुकदमे की वादिनी चार महिलाओं के अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि नंदी के सामने जो व्यास जी का तहखाना है, वहां से मूर्तियों के अवशेष मिले हैं। हिंदू पक्ष की पैरोकार सीता साहू ने कहा है कि ‘एक मूर्ति मिली है। माप लिया गया है। घास साफ करके मूर्ति निकाली गई है। एएसआई की टीम अपना काम कर रही है।’ हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया जा रहा है कि तहखाने में 4 फीट मूर्ति, दो फीट के त्रिशूल के मिलने का दावा किया गया है। साथ ही पांच कलश भी मिले हैं। कमल का निशान दीवारों पर उभरा मिला है। मूर्ति के कालखंड की जांच की जा रही है।

हिंदू पक्ष की वादिनी राखी सिंह के अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने बताया कि आज मुस्लिम पक्ष पूरा सहयोग कर रहा है। मस्जिद का ताला खुलने के बाद पूरे परिसर का एएसआई की टीम बारीकी से निरीक्षण कर रही है। फोटोग्राफी और विदियोग्राफी का काम आज ज्ञानवापी के अंदर किया जा रहा है। एक-एक बात रिकॉर्ड में दर्ज की जा रही है। नंदीजी के सामने के तहखाने में गंदगी थी। एएसआई के कहने पर उसकी सफाई कराई जा रही है। एक मशीन के माध्यम से ज्ञानवापी परिसर की थ्री-डी इमेजिंग की जा रही है। ज्ञानवापी के अंदर-बाहर, ऊपर-नीचे हर जगह एएसआई के एक्सपर्ट दोनों पक्षों की मौजूदगी में आ-जा रहे हैं। दोनों पक्षों के सहयोग से सर्वे सही तरीके से आगे बढ़ रहा है।

53 लोगों की टीम कर रही सर्वे
ज्ञानवापी में आज सर्वे के लिए 53 लोगों की टीम पहुंची है। कल 10-10 लोगों की चार टीम थी। इसके अलावा हिन्दू और मुस्लिम पक्ष के करीब 20 लोग शामिल हैं। एएसआई टीम आज अपने साथ मैनुअल हाईड्रॉलिक सीढ़ी, मैट, स्कैनर, प्रिंटिंग मशीन समेत कई तरह के अन्य उपकरण और खाने पीने का सामान भी लेकर आई है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?
सबसे पहले वाराणसी की कोर्ट ने एएसआई सर्वे की इजाजत दी थी। जिस पर मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट गया। वहां उसे राहत नहीं मिली, इस पर उसके वकील सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि ये जरूर कहा कि वहां पर खुदाई ना की जाए।

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