चित्रकूट। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में पाकिस्तान से दो हिन्दू परिवार आए हैं। सूचना से प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में सभी को हाउस अरेस्ट किया गया है। लोकल इंटेलिजेंस यूनिट(LIU) के CO पूछताछ कर रहे हैं। परिवार ने पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे जुल्मों की दर्दभरी दास्तां बयां की है। कहा कि वहां हिंदूओं पर अत्याचार नहीं रूक रहा है।
शहर कोतवाली क्षेत्र के संग्रामपुर गांव में समाजसेवी कमलेश पटेल के घर पर दो हिंदू परिवार आए हैं, परिवारों में 15 सदस्य हैं। सूचना मिलते ही एलआईयू और पुलिस की टीमें गांव पहुंच गईं। घर की घेराबंदी कर पाकिस्तानियों से घंटों पूछताछ की। पुलिस का कहना है कि मामला गंभीर है। पाकिस्तानियों से किसी को मिलने नहीं दिया जाएगा। अपर एसपी चक्रपाणि त्रिपाठी ने बताया कि पाकिस्तानियों के कागजात की जांच की जा रही है। सभी के बयान लिए जा रहे हैं। मामला पाकिस्तान से जुड़ा होने के कारण गहनता से जांच की जा रही है। सुरक्षा के लिहाज से अभी कुछ कह पाना मुश्किल है। इनको लाने वाले का भी रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है।
समाजसेवी कमलेश पटेल ने कहा, ”मैंने इनको चित्रकूट धाम उत्तर प्रदेश बुलाया है। सभी दिल्ली में रजिस्टर्ड हैं। इनके कागज देखिए, ये तो सिर्फ 15 लोग ही हैं। अभी तो दिल्ली के भाटी माइंस, मजनू टीला और सिग्नेचर बीच में 60 हजार से ज्यादा पाकिस्तानी शरणार्थी लोग रह रहे हैं। मैं खुद वहां देखकर आया हूं। जो मुझसे मदद मांगेगा, मैं तो सभी की मदद करूंगा। इनके वीजा के लिए फिर से अप्लाई किया गया है। सभी को यहां रोजी-रोजगार और रहने के लिए घर दिया है।”
कराची के रहने वाले हैं ये हिन्दू परिवार
हिंदू ओअरिवर पाकिस्तान के कराची जिले के खैरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत खैरपुर गांव के रहने वाले हैं। इन हिंदू परिवारों में 4 बच्चियों समेत 7 महिलाएं और 3 साल के एक बच्चे समेत 8 पुरुष शामिल हैं। पूछताछ में इन्होने बताया कि ये लोग 6 महीने पहले ट्रेन से पाकिस्तान के कराची से अटारी बॉर्डर होते हुए अमृतसर पहुंचे, फिर वहां से दिल्ली आ गए थे।
पाकिस्तान में हालात ख़राब, इसलिए किया पलायन
पूछताछ में इन हिंदू परिवारों ने कहा कि ”पाकिस्तान के हालात बदतर हैं। वहां महंगाई चरम सीमा पर है। हिंदुओं के साथ हर रोज अत्याचार किया जा रहा है। आम जरूरतें पूरी करना और वहां रहना मुश्किल है। इसलिए हमने यहां शरण ली है। हमें यहां बसने की इजाजत दी जाए।” इन्होने ये भी बताया कि “हम में से 7 लोग पहले आए थे, कुछ दिन के बाद 8 लोग आए। जो लोग पहले आए थे उनका वीजा खत्म हो गया है।” वहीं इनका कहना है कि ‘हम गलत तरीके से नहीं रहना चाहते। हमारी भारत सरकार से मांग है कि हमें भारतीय नागरिकता दी जाए।’