शिलांग। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के ऑफिस में हुए हमले पर डीजीपी एलआर बिश्नोई ने मंगलवार को बड़ा खुलासा किया है। बिश्नोई ने कहा कि मुख्यमंत्री के ऑफिस में जो हमला किया गया, वह सुनियोजित थी। मुख्यमंत्री कोनराड संगमा पर ‘हमला करने, शारीरिक क्षति पहुंचाने’ की योजना थी।
मेघालय के डीजीपी एल आर बिश्नोई ने दावा किया कि भीड़ की योजना मुख्यमंत्री को जान से मारने की थी। इसके लिए पूर्व योजना बनाई गई थी। उन्होंने बताया कि रविवार को लोगों को शराब बांटी गई, कुछ जगह पर पैसे बांटने की भी पुख्ता जानकारी पुलिस को मिली है। हिंसा पैदा करने में शामिल व्यक्तियों या समूहों की पहचान कर ली गई है और जल्द ही सलाखों के पीछे होंगे। अतिरिक्त साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार करने और क्षेत्र में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखने के लिए बलों को तैनात किया गया है।
उन्होंने कहा, इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंगलवार को तुरा में पूरी शांति बनी रही, कहीं से भी किसी तरह की अशांति की खबर नहीं आई है। पुलिस ने 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमे दो महिला भाजपा पदाधिकारी भी हैं। सीएम कार्यालय पर हमले में पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। सीएम कार्यालय पर हमले के लिए उकसाने का आरोप दो टीएमसी नेताओं पर लगा है, जिनकी पुलिस द्वारा तलाश की जा रही है।
कैसे हुआ CM ऑफिस पर हमला?
यह हमला उस समय हुआ जब मुख्यमंत्री कोनराड संगमा अपने तुरा दफ्तर में अचिक कॉन्शियस होलिस्टिकली इंटीग्रेटेड क्रिमा (ACHIK) और गारो हिल्स स्टेट मूवमेंट कमेटी (GHSMC) के प्रतिनिधियों के साथ बात कर थे। ये संगठन पिछले 14 दिनों से तुरा को विंटर कैपिटल बनाने की मांग करने के लिए भूख हड़ताल कर रहे हैं। मीटिंग समाप्त होने को ही थी इसी दौरान अचानक भारी संख्या में लोगों की भीड़ घुस आई और पथराव करने लगी। पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए आंसू गैस के कई गोले दागे। ऐसे में आक्रोशित भीड़ ने मुख्यमंत्री कार्यालय का गेट तोड़ने की कोशिश की। इस हमले में 21 गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। 5 सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गए।