गाजियाबाद। हिंडन नदी में आई बाढ़ के पानी में डूबने से मंगलवार को अटौर गांव की महिला की मौत हो गई। ग्रामीणों ने महिला के शव को पानी से बाहर निकाला। इससे एक दिन पहले बाढ़ के पानी में डूबने से दो युवकों की मौत हो गई।
अटौर गांव निवासी मोनी(40) पत्नी बलराज सुबह 11.30 बजे डूब क्षेत्र में अपने घर को देखने गई थी। वह प्लॉट की दीवार से होते हुए पानी के बीच से जा रही थी। इसी बीच उनका पैर फिसल गया और वह बाढ़ के पानी में डूब गई। महिला को डूबते हुए थोड़ी दूरी पर मकान की छत पर रह रहे कुछ लोगों ने देख लिया। उन्होंने शोर मचा दिया। शोर सुनकर ग्रामीण घटना स्थल की तरफ दौड़ पड़े। ग्रामीण महिला को बचाने पानी में कूद गए, लेकिन महिला को बचाया नहीं जा सका। ग्रामीणों ने थोड़ी देर बाद उनका शव निकाला। सूचना पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकरियों ने शव पोस्टमार्टम के भिजवाया।
पानी सूखने तक घर पर न जाने की अपील
प्रशासन की टीम लगातार लोगों से अपील कर रही है कि जब तक पानी सूख न जाए तब तक वह वापस घरों में ना जाएं। अटौर की घटना के बाद गांव में दोबारा से अपील कराई गई। आपदा प्रबंधन अधिकारी और एडीएम वित्त एवं राजस्व विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि घटना के बाद पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर मांग की गई है कि ऐसे क्षेत्रों में पुलिस तैनात की जाए और सख्ती से लोगों को रोका जाए।
प्रभावित गांवों में 369 मरीजों का उपचार
बाढ़ प्रभावित गांवों में विभाग की ओर से लगातार स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मंगलवार को अटौर और करहेड़ा गांव में 301 मरीजों का उपचार किया गया। चार मोबाइल टीमें और चार कैंप लगाए गए। इसी तरह लोनी के नवादा, इलाचीपुर, असालतपुर में 68 मरीजों का उपचार किया गया। लोगों को 700 ओआरएस पैकेट और 1308 क्लोरीन की गोलियां बांटी गईं। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. ने बताया कि जिन इलाकों में बिजली या बाढ़ के कारण परेशानी हो रही है, उनमें स्वास्थ्य टीमें लगातार लोगों को जागरूक कर रही हैं।
बारिश से राहत एवं बचाव पर पड़ेगा असर
गाजियाबाद में मंगलवार रात को बारिश हुई। बुधवार सुबह भी बारिश हो रही है। पिछले एक घंटे से लगातार बादल बरस रहे हैं। इसका असर हिंडन नदी के जलस्तर पर पड़ सकता है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य पर बारिश विपरीत असर डाल सकती है।