‘ट्रायल्स से कभी छूट नहीं मांगी, सरकार की तरफ से आया फोन…’, साक्षी मलिक का बयान

नई दिल्ली। पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को ट्रायल्स से छूट देकर सीधे एशियन गेम्स में एंट्री दी गई है। इस पर कई पहलवानों ने आपत्ति जताई है। ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने कहा कि उन्होंने एशियाई खेलों के ट्रायल से कभी छूट की मांग नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि बजरंग और विनेश को ट्रायल से छूट देने की पेशकश सरकार द्वारा पहलवानों की एकता तोड़ने की कोशिश है।

साक्षी मलिक ने कहा, “मुझे 3-4 दिन पहले सरकार की तरफ से फोन आया था कि हम बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को एशियन्स गेम के लिए भेज रहे हैं, आप भी मेल कर दो आपको भी भेज देंगे। मैंने साफ मना कर दिया। मैं कभी भी बिना ट्रायल के किसी टूर्नामेंट में न ही गई हूं और न जाना चाहती हूं।” साक्षी मलिक ने कहा है, “हमने एशियन गेम्स के लिए सरकार से समय मांगा था और सरकार ने हमें समय दिया भी। सरकार की ओर से हमसे 10 अगस्त के बाद ट्रायल के लिए कहा गया था और तभी हम विदेश में ट्रेनिंग के लिए आ गए, लेकिन पिछले 2-3 दिन से मुझे पता चला है कि 2 वजन श्रेणी में पहलवानों को बिना ट्रायल के ही भेजा जा रहा है, मुझे भी मेल करने के लिए कहा गया, लेकिन मैंने ऐसा करने से मना कर दिया है।”

निष्पक्ष हो सेलेक्शन
साक्षी ने आगे कहा कि मैं सेलेक्शन के लिए निष्पक्ष तरीके पर भरोसा करती हूं और आज तक कभी बिना ट्रायल के नहीं गई हूं और ना ही भविष्य में ऐसा करूंगी। साक्षी ने वीडियो में आगे कहा कि मैं बस यही चाहती हूं कि सेलेक्शन के लिए निष्पक्ष तरीका अपनाया जाए और सभी को न्याय मिले।

सरकार पहलवानों की एकता तोड़ना चाहती है
साक्षी मलिक ने एक अन्य पोस्ट में सरकार पर पहलवानों के बीच दरार डालने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। एक अन्य ट्वीट में साक्षी ने कहा है कि सरकार एशियन गेम्स में सीधे नाम भेजकर पहलवानों की एकता को तोड़ने का काम कर रही है। मैं न कभी बिना ट्रायल खेलने गई हूं और न ही इसका समर्थन करती हूं। मैं सरकार की इस मंशा से विचलित हूं। हमने सरकार से ट्रायल्स के लिए समय मांगा था, लेकिन सरकार ने हमारी झोली में यह बदनामी डाल दी है।

वहीं एशियन गेम्स के ट्रायल में पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को छूट देने के खिलाफ दायर रेसलर अंतिम पंघाल और सुजीत कलकल की याचिका पर आज शुक्रवार को फिर दूसरे दिन सुनवाई होगी। गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस पर WFI से जवाब मांगा है। कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ को आज अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

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