नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती में पिछले कुछ समय से सबकुछ ठीकठाक नहीं है। इंडियन ओलंपिक एसोएिसशन (IOA) की एडहॉक कमेटी ने ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को आगामी एशियाई खेलों के लिए डायरेक्ट एंट्री दे दी है। इसका मतलब है कि इन दो पहलवानों को ट्रायल्स से नहीं गुजरना होगा। अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर टिप्पणी करते हुए भारतीय ओलंपिक संघ की चयन प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगा दिया है। साथ ही, दो पहलवानों ने दिल्ली उच्च न्यायालय की शरण ले ली है।
योगेश्वर का कहना है कि एडहॉक कमेटी का यह निर्णय पारदर्शी नहीं है। यह कुश्ती हित में भी नहीं है। यह भारत की कुश्ती और युवा खिलाड़ियों के भविष्य को अंधकार में धकेलने की राह है। अंतरराष्ट्रीय पहलवान ने अपनी टिप्पणी में सवाल उठाया है कि आखिर किस दबाव में यह निर्णय किया गया है। यह हर उभरते और यहां तक कि मौजूदा ओलंपिक विजेता पहलवानों के साथ तक भेदभाव कर रहा है। इसे लेकर विरोध तेज होना तय है।
बकौल योगेश्वर, ‘तदर्थ समिति ने यह खुलासा नहीं करके पूरे देश को भ्रमित कर दिया है कि उन्होंने किसे चुना है। पूरी कुश्ती बिरादरी भ्रमित है। आपने कहा था कि चयन महासंघ के नियमों के अनुसार किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है। सभी पहलवान निराश और भ्रमित हैं। ज्ञान सिंह, अशोक गर्ग और भूपिंदर सिंह बाजवा (तदर्थ पैनल प्रमुख) स्पष्ट कीजिए कि ट्रायल का आधार क्या है और छूट का आधार क्या है। मैं आईओए अध्यक्ष पीटी ऊषा से अनुरोध करूंगा कि इस पर फैसला कीजिए और कुश्ती को बचाइए। यह अजीब फैसला है। इस फैसले में कोई पारदर्शिता नहीं है। मैं पहलवानों के साथ हूं।’
हाईकोर्ट पहुंचा मामला
बजरंग के भार वर्ग 65 और विनेश के 53 भार में खेलने वाले पहलवान सुजीत और अंतिम पंघाल ने तदर्थ समिति के इस फैसले के खिलाफ बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय की शरण ले ली।
सुजीत और अंतिम ने संयुक्त रूप से याचिका दाखिल की। इसमें भारतीय ओलंपिक संघ की तदर्थ समिति की ओर से बजरंग, विनेश को एशियाड की टीम में बिना ट्रायल के सीधे प्रवेश देने के आदेश को रद्द करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि 22-23 जुलाई को एशियाई खेलों की टीम के चयन को होने वाले ट्रायल पक्षपात रहित और बिना किसी को टीम में सीधे प्रवेश दिए बिना होने चाहिए। ट्रायल की वीडियोग्राफी कराने की भी मांग की गई है।
सुजीत के पिता दयानंद कलकल ने कहा कि बजरंग, विनेश ने जंतर-मंतर पर धरने के दौरान कहा था कि उनका यह संघर्ष जूनियर पहलवानों की भलाई के लिए है लेकिन अब जूनियर पहलवानों को ही अलग-थलग किया जा रहा है। अगर दोनों पहलवान ट्रायल में खेलते और लड़ते तो किसी को शिकायत नहीं होती।
एक साल से उपलब्धि न अभ्यास और खेलेंगी एशियन चैंपियनशिप, गोल्ड मेडलिस्ट बाहर
जूनियर वर्ग की विश्व चैंपियनशिप में देश की पहली स्वर्ण पदक विजेता 53 किलोग्राम भार वर्ग की पहलवान अंतिम पंघाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। इसमें विनेश के चयन पर सवाल उठाते हुए अंतिम ने कहा है कि चैंपियनशिप में भेजी रही पहलवान की पिछले एक साल में कोई उपलब्धि नहीं है। यही नहीं, अभ्यास तक से दूर रही यह पहलवान सीधे चैंपियनशिप में खेल कर पदक लाएगी, यह पक्का नहीं है। वहीं, जूूनियर विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत कर देश की पहली महिला विश्व चैंपियन बनने वाली अंतिम पंघाल बाहर बैठेगी। अंतिम ने कहा कि विनेश के साथ मेरी बाउट पहले हो चुकी है। उस समय 3-2 से हार का सामना करना पड़ा। काॅमनवेल्थ खेलों के लिए हुए ट्रायल में हमारे बीच कड़ा मुकाबला हुआ था। यहां धोखे से मुझे हरा दिया गया। इसके बावजूद मेरा प्रयास एशियन चैंपियनशिप में बेहतर प्रदर्शन के जरिए ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का रहा। अब जब मौका आया हो तो विनेश का नाम बगैर ट्रायल चुन लिया गया।
फैसला वापस नहीं होने पर दिल्ली में देंगे धरना
अंतिम के शुरुआती कोच लिली सिसाई ने कहा कि अगर तदर्थ समिति ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो वे ट्रायल के दौरान 22-23 जुलाई को दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में धरना देंगे। वहीं, अंडर-23 एशियाई विजेता सुजीत ने कहा कि वह बीते वर्ष राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल में बजरंग से खेले थे। यह बाउट काफी नजदीकी रही थी। उस दौरान भी उन्हें सीधे सेमीफाइनल में प्रवेश दिया गया था और वह सारे दौर खेल कर आए थे।
धरने पर फैसला वापस लेने की उठी आवाज
हिसार में जूनियर विश्व चैंपियन अंतिम पंघाल की अगुवाई में कई पहलवान और उनके परिवार के लोग लघु सचिवालय पर धरने पर बैठ गए। इनमें बजरंग के भार वर्ग में खेलने वाले पहलवान विशाल कालीरमण के परिवार के लोग भी शामिल थे। धरने में शामिल होने वालों में हिसार के बाबा लाल दास अखाड़ा और दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम के पहलवान भी शामिल थे। इससे पहले अंतिम ने वीडियो जारी कर कहा कि उनके अलावा विनेश को पांच से छह पहलवान हरा सकते हैं। धरने के दौरान बजरंग और विनेश का समर्थन करके अब वह अपने को छला हुआ महसूस कर रही हैं।