भारत का तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक लॉन्च

नई दिल्ली। भारत का तीसरा मून मिशन शुक्रवार को लॉन्च हो गया। इसरो ने अपने तीसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ को आज लॉन्च कर दिया है। चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रमा की ओर भेजा गया। इस मिशन को लेकर न सिर्फ भारत, बल्कि दुनिया के तमाम देश नजर गड़ाए बैठे थे।

चंद्रयान-3 ने दोपहर 2:35 बजे चंद्रमा की ओर उड़ान भरी। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से छोड़ा गया है। चंद्रयान-3 के कक्षा में सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो में जश्न मनाया गया। चंद्रयान-3 परियोजना के निदेशक पी वीरमुथुवेल और इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने एलवीएम3-एम 4 वाहन के सफलतापूर्वक कक्षा में लॉन्च करने के बाद अपनी खुशी साझा की। इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 ने अपनी सटीक कक्षा में चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है। अंतरिक्ष यान का स्वास्थ्य सामान्य है। 615 करोड़ की लागत से तैयार हुआ यह मिशन करीब 45 दिन की यात्रा के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा। ‘चंद्रयान-3’ को भेजने के लिए LVM-3 लॉन्चर का इस्तेमाल किया गया है। अगर दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिग होती है, तो भारत दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा।

ISRO प्रमुख एस. सोमनाथ ने प्रेस वार्ता करके इस मिशन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगर सब कुछ सामान्य रहा तो चंद्रयान-3 के 23 अगस्त को शाम लगभग 5.47 बजे चंद्रमा पर उतरने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि हमने पहले साल में देखा कि पहले क्या गलती की थी और उसके बाद दूसरे साल में क्या सुधार किया जाए कि ये बेहतर हो। फिर हमने देखा कि और क्या गलती हुई थी क्योंकि कुछ समस्याएं छिपी होती है जो हमने समीक्षा और टेस्ट द्वारा पता लगाया। तीसरे साल हमने सभी टेस्टिंग की और अंतिम साल में हमने अंतिम संयोजन और तैयारी की। मैं इस कार्य के लिए पूरी टीम को बधाई देता हूं।

भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा
अगर मिशन सक्सेसफुल रहा तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। अमेरिका और रूस दोनों के चंद्रमा पर सक्सेसफुली उतरने से पहले कई स्पेस क्राफ्ट क्रैश हुए थे। चीन 2013 में चांग’ई-3 मिशन के साथ अपने पहले प्रयास में सफल होने वाला एकमात्र देश है।

Exit mobile version