दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र ही सुरक्षा परिषद का स्‍थाई सदस्‍य नहीं… पीएम मोदी ने किया बड़ा सवाल

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पेरिस। पीएम नरेंद्र मोदी फ्रांस की यात्रा पर हैं। अपनी यात्रा से पहले उन्होंने फ्रेंच अखबार को इंटरव्यू दिया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के वजूद पर सवालिया निशान उठाया। पीएम मोदी ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNSC में भारत की स्थाई सदस्यता का मुद्दा उठाया।

फ्रांस के अखबार को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल से भारत वैश्विक आर्थिक विकास, तकनीकी उन्नति व मानव विकास में योगदान में सबसे आगे रहा है। विश्वभर में मंदी, खाद्य सुरक्षा, मुद्रास्फीति, सामाजिक तनाव जैसी समस्याओं का आज भारत समाधान पेश कर रहा है। इस वैश्विक पृष्ठभूमि में, मैं भारतीयों में नया आत्मविश्वास और विश्व में अपना समुचित स्थान लेने की उत्सुकता देख रहा हूं। पीएम ने कहा, भारत वैश्विक चर्चा में अनूठा व विशिष्ट दृष्टिकोण लाता है। यह सदैव शांति, निष्पक्ष आर्थिक व्यवस्था, कमजोर देशों की चिंताओं और आम चुनौतियों के समाधान के लिए वैश्विक एकजुटता के पक्ष में खड़ा है। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया के कई देश बूढ़े हो रहे हैं, भारत दुनिया का सबसे युवा देश है। युवा हमारी सबसे मजबूत संपत्ति हैं। भारत के युवा व कुशल कार्यबल आने वाले दशकों में दुनिया के लिए भी संपत्ति होंगे।

पीएम मोदी ने उठाया सवाल
पीएम मोदी ने इंटरव्‍यू में कहा, ‘हम कैसे यह कह सकते हैं कि यह एक वैश्विक संस्‍था का एक प्राथमिक अंग है जबकि अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के पूरे महाद्वीपों को नजरअंदाज कर दिया गया है? यह निकाय कैसे यह दावा कर सकता है कि वह दुनिया के लिए आवाज उठाता है जबकि सबसे ज्‍यादा आबादी वाला देश और सबसे बड़ा लोकतंत्र इसका स्थायी सदस्य ही नहीं है?’ पीएम मोदी ने कहा कि यूएनएससी की ‘विपरीत सदस्यता’ अपारदर्शी निर्णय लेने की प्रक्रियाओं की ओर ले जाती है। इसकी वजह से यह आज की चुनौतियों से निपटने में असहाय है। इससे पहले भी पीएम मोदी ने यूएनएससी में भारत की स्‍थायी सदस्यता को लेकर बयान दिया था। उन्‍होंने कहा था कि ग्लोबल साउथ के अधिकारों को लंबे समय से नकारा गया है। इस वजह से ग्लोबल साउथ के सदस्यों में पीड़ा की भावना है।

क्‍या है UNSC
यूएनएससी वह संस्‍था है जो अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। यूएन की वेबसाइट के मुताबिक सुरक्षा परिषद शांति के लिए पैदा खतरे या आक्रामक कार्रवाई के अस्तित्व का निर्धारण करने में अग्रणी भूमिका निभाने वाली संस्‍था है। यह वह संस्‍था है जो विवाद में शामिल पक्षों से शांतिपूर्ण तरीकों से इसे सुलझाने की अपील करती है। कुछ मामलों में सुरक्षा परिषद अंतरराष्‍ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखने या बहाल करने के लिए प्रतिबंध लगाने का सहारा भी ले सकती है। यूएनएससी के 15 सदस्‍य हैं जिसमें से पांच स्थायी और बाकी अस्थायी हैं।

भारत को कब-कब मिला मौका
स्‍थायी सदस्‍यों को P5 के रूप में जाना जाता है। ये सदस्‍य हैं अमेरिका, यूके, चीन, फ्रांस और रूस। यूएनएससी के गैर-स्थायी सदस्यों को महासभा द्वारा दो साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है। भारत फिलहाल इसका स्‍थायी सदस्‍य नहीं है। मगर 1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985, 1991-1992, 2011-2012 और 2021 में भारत को कई मौकों पर गैर-स्थायी सदस्यता का मौका मिला है। यूएनएससी के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में भारत का हालिया दो साल का कार्यकाल जनवरी 2021 में शुरू हुआ और दिसंबर 2022 में समाप्त हुआ। जून 2020 के चुनाव में भारत को 192 में से 184 वोट मिले।

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