अहमदाबाद। गुजरात में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने वाले शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर की है। शीर्ष अदालत ने गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ गांधी की अपील पर सुनवाई करने का फैसला किया, जिसने मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
पूर्णेश का कहना है कि अगर राहुल गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हैं तो कोर्ट को उनका पक्ष भी सुनना चाहिए। बिना किसी का पक्ष सुने कोई भी आदेश जारी न किया जाए। हालांकि, अभी तक राहुल सुप्रीम कोर्ट नहीं गए हैं, लेकिन वे जल्द ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। मानहानि केस में 23 मार्च 2023 को सूरत की सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, इस फैसले के 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। इसके अगले दिन 24 मार्च को राहुल की सांसदी चली गई थी।
राहुल गांधी की याचिका हाईकोर्ट खारिज कर चुका है
7 जुलाई को गुजरात हाईकोर्ट मानहानि केस में राहुल की 2 साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा- इस केस के अलावा राहुल के खिलाफ कम से कम 10 केस पेंडिंग हैं। ऐसे में सूरत कोर्ट के फैसले में दखल देने की जरूरत नहीं है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल राहुल गांधी ने 2019 में दिए एक बयान के बाद यह मामला सामने आया था। कर्नाटक के कोलर में चुनावी रैली में भाषण देते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि सभी चोरों के उपनाम मोदी क्यों होते हैं। उन्होंने कहा था, ”नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?”। इसके बाद गुजरात बीजेपी के विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने सूरत सेशन कोर्ट में इसके विरुद्ध याचिका दायर कर दी। इसी मामले में सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी।
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