लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में कांवड़ यात्रा के चलते मीट की दुकानें बंद कराए जाने पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने निशाना साधा है। इससे पहले भी उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर कहा कि यूसीसी से सबसे ज्यादा तकलीफ हिंदुओं को होगी।
ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि कांवड़ यात्रा में गोश्त की दुकानें ही बंद करा दी हैं। धार्मिक भावनाओं के नाम पर रोजगार छीनना शर्मनाक है। सड़क पर नमाज पढ़ो तो एफआईआर हो जाती है। क्या एक देश में दो कानून नहीं हैं? ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘सड़क पर नमाज़ अदा करो तो FIR हो जाती है, लेकिन कांवड़ यात्रा के लिए गोश्त की दुकानें ढका कर बंद करवा दी जा रहीं हैं। धार्मिक भावनाओं के नाम पर रोज़गार का हक़ छीन लेना शर्मनाक बात है।’
ओवैसी ने अपने ट्वीट में पीएम नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए लिखा है, ‘क्या एक देश में दो क़ानून नहीं हैं? आपकी समान नागरिकता की बातें ढोंग हैं।’ ओवैसी ने अपने ट्वीट में एक तस्वीर भी शेयर की है, जिसमें मीट की दुकानों को ढका हुआ दिखाया गया है। ओवैसी ने एक वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि समान नागरिक संहिता के जरिए हिंदू भाइयों के भी बहुत से अधिकार छीन लिए जाएंगे। ओवैसी ने कहा कि इस नए नियम से हिंदुओं के मैरिज ऐक्ट समेत कई अधिकार छीन लिए जाएंगे।
हिंदू मैरिज ऐक्ट में कहा गया है कि सपिंड रिश्ते नहीं हो सकते हैं। इसी में आगे रीति-रिवाज को अपवाद बताते हुए अलग से परमिशन दी गई है। इसका अर्थ हुआ कि रिवाज के तहत शादी की परमिशन दी गई है। लेकिन समान नागरिक संहिता लागू हुई तो इस तरह के अधिकार छिन जाएंगे। यह ध्यान रखने की जरूरत है कि यदि समान नागरिक संहिता से हमारे अधिकार छिनेंगे तो फिर आपके जाएंगे। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के भी कई अधिकार इस एक कानून से छिन जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह देश की विविधता के खिलाफ है और सभी समाजों को इससे नुकसान होने वाला है।उत
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