वाशिंगटन। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (आईएयू) ने भारतीय खगोलशास्त्री अश्विन शेखर के नाम पर एक छोटे ग्रह का नाम रखकर उन्हें सम्मानित किया है। उन्हें यह दुर्लभ सम्मान अमेरिका के एरिजोना में आयोजित क्षुद्रग्रह धूमकेतु उल्का सम्मेलन के 2023 संस्करण में दिया गया है।
21 जून 2023 को भारतीय खगोल शास्त्री को यह सम्मान एरिजोना में आयोजित क्षुदग्रह धूमकेतु उल्का सम्मेलन के 2023 संस्करण में दिया गया था। आईएयू ने कहा कि अश्विन शेखर आधुनिक भारत के पहले उल्का खगोलशास्त्री हैं। उन्होंने उल्कापिंड क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस उपलब्धि के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “मैं इससे बहुत विनम्र और सम्मानित महसूस कर रहा हूं।”
मूलरूप से केरल के निवासी अश्विन फिलहाल फ्रांस सरकार के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और शिक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले पेरिस की एक वेधशाला के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि मेरे क्षेत्र में कई प्रसिद्ध विशेषज्ञों ने मेरा नामांकन अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ नामकरण समिति में किया है, और वे मेरे कार्यक्षेत्र को समझते हैं और मेरे नाम को मंजूरी देते हैं। इसलिए, मुझे ऐसा लगता है कि यह मेरे उल्का विज्ञान में किए गए किसी भी योगदान की पहचान है और मैं इस सम्मान के लिए समिति का अत्यंत आभारी हूं।
पांच भारतीयों को मिला यह सम्मान
आपको बता दें कि अश्विन शेखर से पांच और भारतीयों को यह सम्मान मिल चुका है, जिसमें नोबेल पुरस्कार विजेता सीवी रमन और सुब्रमण्यम चन्द्रशेखर, महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन, खगोलशास्त्री डॉ. विक्रम साराभाई, महान खगोलशास्त्री और आईएयू मनाली के पूर्व अध्यक्ष कल्लाट वेणु बप्पू का नाम शामिल हैं।